UP Politics: स्मृति ईरानी के टेस्ट में फेल हुए बीजेपी युवा मोर्चा के पदाधिकारी, इन सवालों के नहीं दे पाए जवाब
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए लखनऊ पहुंची केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भारतीय जनता युवा मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ बातचीत की और आगे की रणनीति तैयारी की.
Smriti Irani News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) युवा जोश की बदौलत आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) की तैयारी में जुटी है, लेकिन भारतीय जनता युवा मोर्चा के पदाधिकारी ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) के टेस्ट में फेल हो गए. मंगलवार को राजधानी लखनऊ (Lucknow) में भारतीय जनता युवा मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक थी. इसके समापन समारोह में केंद्रीय मंत्री पहुंची थीं. इस दौरान उन्होंने भाजयुमो के पदाधिकारियों से एक के बाद एक कई सवाल पूछे, लेकिन अधिकतर पदाधिकारी उन सवालों का जवाब नहीं दे पाए.
स्मृति ईरानी ने पूछा कि यूपी में कितने विश्वविद्यालय, कितने तकनीकी शिक्षण संस्थान और शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी कितनी है? लेकिन पदाधिकारी इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए. इसके बाद स्मृति ईरानी ने मंगलवार के संस्करण में अखबारों की प्रमुख खबरों को लेकर सवाल किया तो भी पदाधिकारी चुप्पी साधे बैठ गए. इसी बीच एक पदाधिकारी ने कहा की अखबार पढ़ने का मौका नहीं मिल पाया इसे लेकर स्मृति ईरानी ने जवाब दिया कि उन्होंने मंगलवार को मुंबई से लेकर लखनऊ तक कई कार्यक्रम में शामिल होने के बावजूद सभी अखबारों को पढ़ा है.
स्मृति ईरानी के टेस्ट में हुए फेल
स्मृति ईरानी ने युवा मोर्चा के पदाधिकारियों को अखबार पढ़ने की नसीहत दी. सिलसिला यहीं तक सीमित नहीं रहा. भाजपा का जनसंपर्क अभियान 30 मई से शुरू हुआ है. इसके तहत प्रदेश भर में भाजपा के नेता और कार्यकर्ताओं को जनता के बीच जाकर केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियां बतानी है. इनमें जो सबसे बड़ी योजना है वह मुफ्त राशन वितरण की है. स्मृति ईरानी ने भाजयुमो के कार्यक्रम में पूछा कि उत्तर प्रदेश में मुफ्त राशन वितरण योजना के लाभार्थियों की संख्या कितनी है? लेकिन हैरानी की बात है बीजेपी पदाधिकारी ये भी नहीं बता पाए.
वैसे तो भारतीय जनता युवा मोर्चा की कार्यसमिति की बैठक जिस हॉल में हो रही थी वहां कुर्सियां भरी थी, लेकिन उनमें महिलाओं की संख्या काफी कम थी. इसे देखकर भी स्मृति ईरानी ने महिलाओं और दिव्यांगों की संख्या ना होने पर भी सवाल उठाए. स्मृति ईरानी ने कहा कि महिलाओं की संख्या एक फ़ीसदी से भी कम है जबकि दिव्यांग तो एक भी नहीं, इसे बढ़ाने पर जोर दिया जाए.