Lok Sabha Election 2024: हाथरस सीट से बसपा ने हेम बाबू धनगर को बनाया प्रत्याशी, बदल सकता है वोटों का पूरा समीकरण
Lok Sabha Election 2024 UP: हेम बाबू धनगर के पिता जेपी धनगर लंबे समय से बसपा में जुड़े हुए हैं, इसके साथ ही वह धनगर महासभा के अध्यक्ष भी हैं. हेमबाबू एमसीए करने के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग बन गए.
UP Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की हाथरस लोकसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी की प्रेस वार्ता में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व सांसद मुनकाद अली के द्वारा हाथरस लोकसभा से प्रत्याशी घोषित कर दिया गया है. बसपा सुप्रीमो मायावती के आदेश का हवाला देकर लोकसभा हाथरस में धनगर समाज व दलित वोट बैंक पर सेंध लगाने के लिए हेम बाबू धनगर को हाथी की सवारी करने का मौका दिया गया है, जिससे हाथरस लोकसभा के चुनावी समीकरण दिलचस्प नजर आएंगे.
हेम बाबू सिंह धनगर पहले हाथरस के विधानसभा सादाबाद में रहते थे लेकिन लंबे समय से वह आगरा में रह रहे हैं. वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, बहुजन समाज पार्टी में उनके पिता कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में पहचाने जाते हैं. हेम बाबू धनगर के पिता जेपी धनगर लंबे समय से बसपा में जुड़े हुए हैं, इसके साथ ही वह धनगर महासभा के अध्यक्ष भी हैं. हेमबाबू एमसीए करने के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग बन गए,लेकिन पिता की सल्तनत को राजनीति में आगे बढ़ाने के लिए उनके द्वारा राजनीति के दाब पेच सीखने की कोशिश की जा रही है. यही कारण है उनके द्वारा सांसदी का खिताब जीतने के लिए बहन कुमारी मायावती के निशान हाथी की सवारी के साथ मिलकर अपनी दावेदारी पेश की है. वहीं बसपा के द्वारा धनगर समाज का वोट बैंक साधने के लिए बड़ा कार्ड खेला है, यही कारण है कि हेम बाबू को अपना प्रत्याशी घोषित किया है.
हाथरस में आयोजित हुए बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन में मंडल और जोनल कोऑर्डिनेटर सूरज सिंह, अशोक सिंह, विजेंद्र सिंह, दिनेश बघेल, महेश कुशवाहा, दिनेश, सुरेश गौतम सहित जिला अध्यक्ष बनी सिंह जाटव और अलीगढ़ जिला अध्यक्षता मुकेश चंद्र ने सयुक्त रूप से मुनकाद अली के साथ मिलकर प्रत्याशी की घोषणा की. जिसके बाद हेम बाबू सिंह धनगर को फूल मालाओं से स्वागत किया गया. राष्ट्रीय महासचिव मुनकाद अली ने बताया कि बहन कुमारी मायावती के आदेश के बाद हेम बाबू धनगर को हाथरस लोकसभा से प्रत्याशी बनाया है.
लोकसभा हाथरस में विधानसभा हाथरस, छर्रा, इगलास, सादाबाद और सिकंदराऊ मिलाकर कुल पांच विधानसभा हैं. जिनमें डेढ़ लाख के लगभग धनगर समाज के वोट हैं. इसके साथ ही ढाई लाख के लगभग दलित वोट हाथरस लोकसभा में बताए जाते हैं, राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार बहन कुमारी मायावती के द्वारा दलित और धनगर समाज का आंकड़ा बनाने की भरपूर कोशिश की है. जिससे हाथरस लोकसभा पर जीत का परचम लहराया जा सके.