Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में हर पार्टी अब आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है. बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ देश में इंडिया गठबंधन बना है. हालांकि बीएसपी विपक्षी दलों के इस गठबंधन से बाहर है और पार्टी प्रमुख मायावती ने स्पष्ट कर दिया है. पार्टी किसी भी दल के साथ आगामी चुनाव से पहले गठबंधन नहीं करेगी. हालांकि अब एक सवाल उठ रहा है कि आखिर बीएसपी ने उम्मीदवारों के एलान में देरी क्यों की है और पार्टी उम्मीदवार के तौर पर किन्हें प्राथमिकता देगी.
दरअसल, शनिवार को मायावती उत्तराखंड राज्य में पार्टी की चुनावी तैयारियों की समीक्षा की है. उन्होंने राज्य में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों के साथ बैठक की. इस बैठक में बीएसपी चीफ ने सर्वसमाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने की हिदायत दी है. मायावती ने इसी दौरान कहा कि पार्टी उम्मीदवार को तय करते समय राजनीतिक समीकरण के साथ ही पार्टी और बीएसपी मूवमेंट से जुड़े लोगों को प्राथमिकता दिया जाना बेहतर रहेगा.
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इन्हें मिलेगी प्राथमिकता
यानी उनके बयान से स्पष्ट हो गया कि इस बार पार्टी समीकरणों को साधने के साथ ही पुरानी पार्टी नेताओं पर भरोसा जताने की तैयारी में है. बीएसपी के पुराने नेताओं को ही आगामी चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर प्राथमिकता दी जाएगी. गौरतलब है कि बैठक के बाद दी गई जानकारी में बताया गया कि उत्तराखंड में पहाड़ी राज्य होने के कारण संगठन की दो इकाई बनाकर पार्टी संगठन को मजबूती के साथ चुनावी तैयारी भी लगातार जारी है. इनकी मायावती के साथ शनिवार को अलग-अलग से बैठक भी हो गई है.
इस बैठक के दौरान मायावती ने वर्तमान राजनीतिक हालात और ताजा चुनावी समीकरण आदि का ध्यान रखते हुए आगे के लिए नये दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. उन्होंने बैठक के बाद फिर एक बार स्पष्ट कर दिया कि राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर आगामी चुनाव अकेले अपने बलबूते पर ही लड़ने का पार्टी का संकल्प दोहरायें. बता दें कि मार्च में लोकसभा चुनाव का एलान होने की संभावना है. इस बीच मायावती द्वारा उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने में देरी की वजह को लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं.