UP News: राष्ट्रीय लोक दल भीम आर्मी प्रमुख चंद्र शेखर आजाद को अपने साथ लाने और विपक्ष को अनसूचित जाति के वोटों का लाभ दिलाने का प्रयास कर रहा है. रालोद के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) त्रिलोक त्यागी ने कहा कि पार्टी के निश्चित रूप से आजाद के साथ "अच्छे संबंध" हैं.


मायावती की बढ़ सकती हैं मुश्किलें


हालांकि, उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से परहेज किया कि भीम आर्मी प्रमुख कब और कैसे विपक्षी गुट में शामिल होंगे, लेकिन कहा कि समय के साथ इंडिया की संख्या "बढ़ी है" और आने वाले दिनों में "निश्चित रूप से और बढ़ेगी". आरएलडी सूत्रों ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बसपा प्रमुख मायावती की साख में गिरावट के बीच आजाद विपक्ष को अनसूचित जाति के मतदाताओं के बीच अपनी पैठ मजबूत करने में मदद कर सकते हैं.


इस गठबंधन का हिस्सा बनेंगे चंद्रशेखर आजाद


सहारनपुर जिले के घडखौली गांव के रहने वाले आजाद ने अनसूचित जाति के बीच अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए अनसूचित जाति आइकन बी आर अंबेडकर और बसपा संस्थापक कांशी राम का सहारा लिया है. सूत्रों ने कहा कि अगर योजना अंतिम रूप ले लेती है तो आजाद यूपी में एसपी-आरएलडी-कांग्रेस गठबंधन का हिस्सा बन जाएंगे.


नगीना से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं चंद्रशेखर


कहा जा रहा है कि आजाद बिजनौर की आरक्षित सीट नगीना से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, जहां अनसूचित जाति और मुसलमानों की संख्या अधिक है. सूत्रों ने बताया कि उनका 9 अक्टूबर को नगीना में एक सार्वजनिक बैठक करने का भी कार्यक्रम है. नगीना का प्रतिनिधित्व वर्तमान में बसपा के गिरीश चंद्र कर रहे हैं, जिन्होंने 2019 में भाजपा के यशवंत सिंह को 1.6 लाख से अधिक वोटों से हराकर सीट जीती थी. तब बसपा को गठबंधन के तहत सपा का समर्थन मिला था.


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