UP Politics: कौन हैं कांग्रेस में शामिल होने वाले अमनमणि त्रिपाठी? सपा-बसपा से रहा नाता, पत्नी की हत्या का आरोप
Amanmani Tripathi Political Profile: अमनमणि त्रिपाठी 2017 से 2022 तक महाराजगंज की नौतनवां सीट से विधायक रह चुके हैं. उनका परिवार काफी समय से राजनीति में रहा है.
Amanmani Tripathi Profile: पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे और नौतनवां सीट से पूर्व विधायक अमनमणि त्रिपाठी शनिवार को कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस महासचिव व प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. माना जा रहा है कांग्रेस उन्हें महाराजगंज सीट से मैदान में उतार सकती है.
अमन मणि त्रिपाठी को पिछले साल बहुजन समाज पार्टी से पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निष्कासित किया गया था. माना जा रहा है कि अमन मणि त्रिपाठी महाराजगंज लोकसभा सीट से कांग्रेस की तरफ से टिकट की दावेदारी पेश कर सकते हैं. सपा के साथ गठबंधन में यह सीट कांग्रेस में खाते में आई है.
कौन हैं अमनमणि त्रिपाठी?
अमरमणि त्रिपाठी के कांग्रेस में शामिल होने से महाराजगंज सीट का सियासी समीकरण काफी बदल जाएगा. उनका परिवार लंबे समय से राजनीति से जुड़ा रहा है और इस क्षेत्र में उनका काफी असर भी हैं. अमनमणि त्रिपाठी पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे हैं. वो यूपी सरकार में मंत्री रहे हैं. बहुचर्चित मधुमिता शुक्ला हत्याकांड मामले में उन्हें सजा हुई थी.
अमन मणि त्रिपाठी ने पहली बार साल 2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर नौतनवां सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें कांग्रेस के कुंवर कौशल किशोर के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद वो साल 2015 में सुर्खियों में आए, जब एक सड़क हादसे में उनकी पत्नी सारा की मौत हो गई. सारा की मां ने इसे हादसा नहीं हत्या बताया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
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सपा ने नहीं दिया टिकट
अमनमणि पर लगे आरोपों के चलते सपा ने उन्हें 2017 के चुनाव में टिकट नहीं दिया, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. वो 2017-2022 तक महाराजगंज की नौतनवां सीट से विधायक रहे. साल 2022 में उन्होंने इसी सीट से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन, हार गए.
यूपी निकाय चुनाव के दौरान बसपा ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. अमनमणि को महाराजगंज से टिकट दिए जाने की चर्चा है, हालांकि इस सीट पर कांग्रेस की सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत को भी दावेदार के रूप में देखा जा रहा है. पिछले 2019 के चुनाव में उन्हें यहां हार का सामना करना पड़ा था.