UP Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के संबंध में बड़ा फैसला लिया है. कांग्रेस द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार खरगे ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की राजनीतिक मामलों की समिति और प्रदेश चुनाव समिति के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. एक प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी गई है कि दोनों समितियां तत्काल प्रभाव से अपना काम शुरू कर देंगी. कांग्रेस की इस लिस्ट से सपा की भी टेंशन बढ़ सकती है, क्योंकि कांग्रेस की इस लिस्ट में नवाब खानदान की बहू बेगम नूरबानो का नाम भी है.


कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी और सांसद केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी की गई इस प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है. कांग्रेस ने रात 10 बजे समितियों के सदस्यों की चिट्ठी जारी की. राजनीतिक मामलों की समिति में यूपीसीसी के सभी संगठनों के अध्यक्ष और यूपी के सभी ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी यानी एआईसीसी के सचिव प्रभारी के अलावा 40 नाम हैं. इसके साथ ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी में की लिस्ट में 39 नाम हैं.




सपा की बढ़ सकती हैं मुश्किलें 


प्रदेश कांग्रेस कमेटी में रामपुर से बेगम नूर बानो का नाम भी शामिल किया गया है. रामपुर लोकसभा संसदीय क्षेत्र पर आजम खान और नवाब परिवार की सियासी अदावत किसी से छिपी नहीं है. बेगम नूर बानो को UPCC में शामिल करने का फैसला भले ही कांग्रेस का अंदरूनी मामला हो लेकिन इससे सपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल, नवाब खानदान की बहू ने बीते साल दिसंबर 2023 में एक पार्टी बैठक में साल 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने का एलान किया था. 


सूत्रों का मानना है कि कांग्रेस ने नूर बानो को इसलिए भी यूपीसीस में शामिल किया है ताकि वह उन्हें और नवाब परिवार को इस अलायंस के साथ आने के लिए मना सके. अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि रामपुर लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी किसे उम्मीदवार बनाएगी. हालांकि राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर सपा ने आजम परिवार से किसी को मैदान में उतारा तो नवाब परिवार इसका जवाब अपने तरीके से दे सकता है. 


दो बार सांसद रह चुकी हैं बेगम नूर बानो


रामपुर विधानसभा सीट पर साल 2022 में उपचुनाव के दौरान सपा के प्रत्याशी के खिलाफ कांग्रेस ने उम्मीदवार नहीं उतारा था. जिसके बाद नवाब परिवार ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी आकाश सक्सेना का समर्थन कर दिया था. बेगम नूर बानो के सियासी सफर की करें तो वह दो बार सांसद रह चुकी हैं. साल 1996 में नवाब जुल्फेकार अली खां उर्फ मिक्की मियां के इंतकाल के बाद चुनावी मैदान में उतरने वाली बेगम नूर बानो पहली बार रामपुर सीट से कांग्रेस के टिकट पर सांसद बनीं. हालांकि साल 1998 के चुनाव में वह मुख्तार अब्बास नकवी से हार गईं थीं. वहीं साल 1999 में हुए लोकसभा चुनाव बेगम नूर बानो ने जीत दर्ज की थी.


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