BJP और सपा के लिए नई चुनौती बनी कांग्रेस? लोकसभा चुनाव से पहले पिछड़ी जातियों को साधने के लिए बनाया प्लान
UP News: सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती पर 31 अक्टूबर को कांग्रेस एक बड़ा सम्मेलन आयोजित करने जा रही है. इसका उद्देश्य यूपी में पिछड़ी जातियों को अपने पाले में लाकर बीजेपी को भारी नुकसान पहुंचाना है.
UP Politics: पिछड़ी जातियों को साधने के लिए कांग्रेस पार्टी एक बड़ा सम्मेलन 31 अक्टूबर को लखनऊ में करने जा रही है. जाति आधारित गणना के मामले को उठाते हुए कांग्रेस पार्टी पिछड़ी जातियों का सम्मेलन करेगी. इस सम्मेलन के लिए कांग्रेस ने "जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी" नारा दिया है. इस सम्मेलन में कांग्रेस जाति अधारित गणना और आरक्षण बचाओ का नारा देते हुए आगे बढ़ेगी.
कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव के पहले हर वर्ग को साधने की कोशिश में जुटी है. कांग्रेस पार्टी पिछड़ा वर्ग सम्मेलन करके पिछड़ों को अपने पाले में करना चाहती है. कुछ समय पहले दिल्ली में संसद सत्र के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी पिछड़ों के आरक्षण का मुद्दा संसद में उठाया था और अपने अलग-अलग भाषणों में लगातार पिछड़ों के मुद्दे को उठा रहे हैं. कांग्रेस पार्टी पिछड़ों के साथ-साथ अन्य वर्गों को भी साधने में लगी हुई है.
दलितों के बीच पैठ बढ़ाने की पहल
इसके साथ ही दलित संवाद यात्रा कांग्रेस पार्टी की ऐसी ही एक पहल है जो दलितों के बीच में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए काम कर रही है. तो वहीं तमाम बड़े मुस्लिम नेताओं को अपनी पार्टी में जोड़ कर, सपा नेता आजम खान से मिलने जाकर कांग्रेस पार्टी दिखाना चाहती है कि वह सभी वर्गों के बीच में एक्टिव है और सभी उसके हैं.
बीजेपी को कड़ी टक्कर देने की तैयारी
कांग्रेस पिछड़ों का सम्मेलन करके भारतीय जनता पार्टी को बड़ी टक्कर देना चाहती है. मौजूदा स्थिति में भारतीय जनता पार्टी के पास पिछड़ों का एक बड़ा वोट बैंक है पर वहीं जाति आधारित गणना का अपना यह मुद्दा उठा करके कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी के पिछड़ों के वोट बैंक में सेंध लगाना चाहती है. कांग्रेस पार्टी का यह सम्मेलन 31 अक्टूबर से शुरू होकर के पूरे नवंबर चलता रहेगा.
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