Dehradun News: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत (Harish Rawat) ने गुरुवार को कहा कि उनकी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से राजनीतिक बातचीत हुई, लेकिन उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि उन्हें पार्टी हाईकमान द्वारा किसी खास मिशन पर पटना भेजा गया था. कांग्रेस महासचिव ने बुधवार शाम नीतीश कुमार से हुई अपनी मुलाकात का सोशल मीडिया पर फोटो भी साझा किया और लिखा, ''2024 में विपक्ष की एकता की बुलंद आवाज नीतीश कुमार....''


हालांकि, मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर हरीश रावत ने कहा कि नीतीश कुमार उनके पुराने दोस्त हैं और वह पटना उनके अच्छे कामों की सराहना करने के लिए गए थे. उन्होंने कहा, ''वह हमारे पुराने दोस्त हैं. वह अच्छा काम कर रहे हैं और अच्छे काम को नमस्कार करना सबका दायित्व होता है.'' रावत ने माना कि दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक चर्चा हुई. उन्होंने कहा, ''हम कोई संत तो हैं नहीं. जब राजनीतिक लोग मिलते हैं तो राजनीतिक बात तो होती ही है.''



लेकिन, यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी हाईकमान ने उन्हें पटना किसी खास मिशन पर भेजा था, उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. दोनों नेताओं के बीच काफी देर चली इस मुलाकात को राहुल गांधी और नीतीश कुमार की हाल में हुई बैठक की अगली कड़ी माना जा रहा है. कांग्रेस महासचिव हरीश रावत के करीबियों ने कहा कि यह मुलाकात आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी के मद्देनजर विपक्षी एकता को मजबूती देने के लिए की गयी.


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बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों को साथ लाने के प्रयास में जुटे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 12 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात की थी. इस बैठक में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह और बिहार सरकार के मंत्री संजय झा भी मौजूद रहे.