Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने एबीपी से खास बातचीत की जिसमें उन्होंने बताया कि वह पार्टी को अपनी मंशा बता चुके हैं कि वह हरिद्वार से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसके लिए वह काफी पहले से तैयारी कर रहे हैं और लगातार हरिद्वार में दौरे कर रहे हैं. हरिद्वार के लोगों से उनकी बातचीत चल रही है और हरिद्वार से लोकसभा चुनाव लड़कर मैं पार्टी को साबित करना चाहता हूं कि मैं आज भी दमखम रखता हूं. इस बात को लेकर हरक सिंह रावत ने एबीपी लाइव से खास बातचीत करते हुए कहा कि पार्टी में सर्वोपरि आला हाइकमान होता है. जो वह निर्णय लेंगे बेहतर होगा लेकिन मैं अपनी मंशा पार्टी को बता चुका हूं कि मैं हरिद्वार में पिछले के साल से मेहनत कर रहा हूं और इस बार हरिद्वार से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहता हूं.
हरक सिंह रावत का कहना है कि हरिद्वार में मैंने काफी मेहनत की है और दर्जनों लोगों को पार्टी से जोड़ा है. मैं चाहता हूं कि पार्टी मुझे हरिद्वार से एक बार मौका दे ताकि मैं अपने आप को साबित कर सकूं. यह पूछे जाने पर कि हरिद्वार से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी चुनाव लड़ना चाहते हैं तो उनका कहना था कि सभी लोग चाहते हैं कि उन्हें टिकट मिले और सभी लोगों का यह हक भी है कि वह पार्टी से टिकट मांगे. लेकिन यह पार्टी का निर्णय कब कैसे टिकट देती है. अगर मुझे टिकट नहीं देते हैं तो मैं पार्टी के लिए काम करता रहूंगा कोई भी जिम्मेदारी देंगे मैं उसे निभाऊंगा लेकिन मैंने पार्टी को अपनी मंशा बताई है. पार्टी मेरी इस मंशा का ख्याल रखेगी क्योंकि मैने बहुत बड़ा बलिदान दिया है इस पार्टी में आने के लिए.
वहीं उन्होंने बताया कि मंगलौर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. जिसके लिए हम पूरी मेहनत करेंगे हमारे द्वारा उनसे पूछा गया कि क्या मंगलूर विधानसभा सीट पर जो उपचुनाव होना है उसे लोकसभा चुनाव के साथ अगर कराया गया तो क्या उसका कोई फर्क चुनाव में पड़ेगा. इस पर उनका कहना था कि फर्क पड़ेगा क्योंकि लोकसभा चुनाव के साथ अगर विधानसभा चुनाव होते हैं तो विधानसभा चुनाव पर सीधे तौर पर फर्क पड़ेगा. लेकिन हम कोशिश करेंगे कि वह सीट हम दोबारा से अपने पास लाएं, क्योंकि पहले भी हमारे वहां से विधायक रह चुके हैं.
उत्तराखंड में हरक सिंह रावत को जिताऊ उम्मीदवार माना जाता है लेकिन 2022 विधानसभा चुनाव में हरक सिंह रावत ने भारतीय जनता पार्टी से बगावत कर कांग्रेस में शामिल होने के बाद चुनाव न लड़ने का फैसला लिया. उन्होंने अपनी बहू को कोटद्वार से चुनाव लड़ाया था लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा. कोटद्वार से विधायक महेंद्र दिलीप रावत ने उन्हें शिकस्त दी, हरक सिंह रावत इसके बाद एक तरह से शांत हो गए.
हरक सिंह रावत पर विजिलेंस ने की थी छापेमारी
वहीं कॉर्बेट पार्क में अवैध कटान और अवैध निर्माण को लेकर दर्ज किए गए मुकदमे में हरक सिंह रावत पर भी विजिलेंस ने छापेमारी की थी और सीबीआई जांच में भी उनका नाम सामने आया. इसको लेकर हरक सिंह रावत काफी सुर्खियों में रहे, हरक सिंह रावत पिछले काफी समय से मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं.