Lok Sabha Election 2024: बिहार के बाद यूपी में भी बढ़ेगी I.N.D.I.A गठबंधन की मुश्किलें? सपा-कांग्रेस में नहीं बन रही बात!
UP Politics: साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने दो सीटों पर कब्जा जमाया था. रायबरेली और अमेठी में पहले और कुशीनगर, सहारनपुर, गाजियाबाद कानपुर में दूसरे नंबर पर कांग्रेस रही थी.
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UP Lok Sabha Election 2024: बिहार में सीएम नीतीश कुमार के एनडीए में जाने से I.N.D.I.A गठबंधन को जोर का झटका लगा है. विपक्षी दलों की कलह अब उत्तर प्रदेश में भी शुरू हो गई है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दो दिन पहले एक्स पर कांग्रेस से 11 सीटों पर समझौते की घोषणा की थी. कांग्रेस समझौता को मंजूर नहीं करने की बात दबी जुबान से कह रही है. उत्तर प्रदेश में सपा की एकतरफा घोषणा कांग्रेस को रास नहीं आई. पार्टी नेता एक स्वर में कह रहे हैं कि सीट शेयरिंग पर बातचीत फाइनल नहीं हुई है. सपा उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन का सबसे बड़ा घटक दल है. सीट शेयरिंग का विवाद सुलझाने के लिए दोनों पार्टियों में लंबी बैठकों का दौर चला.
अखिलेश यादव ने एकतरफा किया एलान
अखिलेश यादव ने कांग्रेस को एकतरफा 11 सीट देने की घोषणा कर दी. सपा के एलान से कांग्रेस में खलबली मच गई. अखिलेश यादव का कहना था कि समीकरणों को ध्यान में रखते हुए सीट देने का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा. प्रदेश से लेकर केंद्रीय नेतृत्व ने सीट बंटवारे पर फाइनल बातचीत को नकार दिया. एकतरफा घोषणा से कांग्रेस खेमे में नाराजगी भी पनपी. हाईकमान ने कांग्रेस नेताओं को मीडिया में तल्ख बयान देने से रोक दिया. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के तहत 25 सीटें मांगी हैं. नेतृत्व की तरफ से तय हो चुका है कि 20 सीटों से कम पर समझौता मंजूर नहीं होगा. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने दो सीटों पर कब्जा जमाया था. रायबरेली और अमेठी में पहले और कुशीनगर, सहारनपुर, गाजियाबाद कानपुर में दूसरे नंबर पर कांग्रेस रही थी. वर्ष 2019 में कांग्रेस ने सिर्फ रायबरेली लोकसभा सीट पर कब्जा जमाया. अमेठी, कानपुर और फतेहपुर सीकरी में कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही. वर्ष 2009 के चुनाव में कांग्रेस को 21 सीटें मिली थीं.
यूपी के लिए कांग्रेस नेतृत्व का क्या है प्लान
इस तरह यूपी में 20-25 सीटों पर कांग्रेस का पुख्ता दावा बनने की बात कही जा रही है. कहा जा रहा है कि बिहार की बदली परिस्थिति के बाद यूपी में कांग्रेस त्यौरियां चढ़ाकर बात करने की स्थिति में कतई नहीं है. कांग्रेस के रणनीतिकारों का दावा है कि इंडिया गठबंधन में सपा और कांग्रेस का साथ मुस्लिम मतों के विभाजन को रोकेगा. इसलिए दोनों की दलों को मजबूती मिलेगी. गौरतलब है कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन की घोषणा बाकायदा राहुल गांधी और अखिलेश यादव की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में की गई थी. राजधानी लखनऊ में दोनों का रोड शो भी हुआ था. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस बार भी सीटों के बंटवारे की घोषणा उसी प्रकार होनी चाहिए थी. बहरहाल लोकसभा चुनाव के लिए दोनों तरफ से अपनी अपनी पार्टी की मजबूती के बुलंद दावे किए जा रहे हैं. देखने वाली बात होगी कि सीट बंटवारे के तराज़ू का पलड़ा किसकी ओर ज्यादा झुकेगा.
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