Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस ने शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी. इसमें नौ राज्यों के 39 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को केरल के वायनाड से एक बार फिर टिकट दिया गया है. अब पार्टी के इस फैसले से कई सवाल खड़े हो गए हैं. 


दरअसल, राहुल गांधी को केरल से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि क्या अब वह परिवार की परंपरागत सीट अमेठी से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे? अमेठी लोकसभा सीट 1967 में अस्तित्व में आई और इसके बाद इस सीट पर कांग्रेस ने अपना वर्चस्व बना लिया. इस सीट पर गांधी परिवार से पहली बार 1977 में कोई उम्मीदवार हुआ था. सबसे पहले पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी ने यहां से चुनाव लड़ा था. 


राजीव गांधी ने तीन बार जीता चुनाव
हालांकि पहला चुनाव वह हार गए लेकिन 1980 से लेकर 1991 तक लगातार चार चुनाव में गांधी परिवार ने लड़ा और जीत दर्ज की. 1980 में संजय गांधी जीते और उनके निधन के बाद भाई राजीव गांधी यहां से लगातार तीन बार जीते. राजीव गांधी की हत्या होने के बाद पार्टी ने अमेठी में संजय गांधी के कर्ताधर्ता रहे सतीश शर्मा को उम्मीदवार बनाया और उन्होंने जीत दर्ज की.


1998 में भी कांग्रेस ने इस सीट पर सतीश शर्मा को ही अपना प्रत्याशी बनाया लेकिन इस बार उन्हें बीजेपी के संजय सिंह ने हराकर चुनाव में जीत दर्ज की. इसके बाद 1999 में लोकसभा चुनाव हुआ तो सोनिया गांधी ने चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. फिर 2004 में उन्हें बेटे राहुल गांधी के लिए ये सीट छोड़ दी और उसके बाद से लगातार तीन चुनाव राहुल गांधी यहां जीता. 


लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को स्मृति ईरानी ने हरा दिया. गांधी परिवार 42 साल बाद इस सीट पर हार झेलनी पड़ी थी. लेकिन अब राहुल गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने के एलान के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वह अब अमेठी से इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे? अब अगर ऐसा होता है तो पार्टी 28 साल बाद गांधी परिवार से बाहर किसी को अमेठी सीट से अपना उम्मीदवार बनाएगी.


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