Lok Sabha Election 2024: पूर्व सीएम हरीश रावत अपनी वफादारी का मांग इनाम, चला इमोशनल दांव, रखी ये मांग, दूसरे नेता कर रहे विरोध
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि मैं पार्टी की इतने साल सेवा की है मैं चाहता हूं कि वहां से मुझे मेरी वफादारी के इनाम के रूप में मेरे बेटे को टिकट दिया जाए.
Uttarakhand News: हरिद्वार लोकसभा सीट कांग्रेस के लिए अब हॉट सीट बनती जा रही है. एक ओर हरीश रावत खुद अपनी किस्मत यहां से आजमाना चाहते हैं. वहीं हरक सिंह रावत भी पूरा जोर यहां से चुनाव लड़ने पर लगाए हुए हैं. लेकिन हरीश रावत ने एक नया दाव आजमाते हुए इमोशनल कार्ड खेल दिया. उन्होंने कांग्रेस से अपने इतने सालों की वफादारी का इनाम मांगा है. उन्होंने कहा है कि मैंने पार्टी की इतने साल सेवा की है. मैं चाहत हूं कि हरिद्वार से कांग्रेस मुझे मेरी वफादारी का इनाम दे. वहां से मेरे बेटे आनंद रावत को टिकट दे दिया जाए. हरीश रावत के इस बयान के बाद कांग्रेस में सियासी हलचल बड़ने लगी है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हल्द्वानी पहुंचे थे. यहां उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए अपनी मंशा जाई है. इन्होंने कहा कि मैं पार्टी की इतने साल सेवा की है मैं चाहता हूं कि वहां से मुझे मेरी वफादारी के इनाम के रूप में मेरे बेटे को टिकट दिया जाए. हरीश रावत के बेटे आनंद रावत यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. अभी कांग्रेस में सक्रिय भूमि का निभाते रहे हैं.
इमोशनल दबाव
पिछले कुछ समय से आनंद रावत कांग्रेस के कई कार्यक्रमों से नदारत चल रहे हैं. जबकि हरीश रावत की बड़ी बेटी अनुपम रावत हरिद्वार ग्रामीण से विधायक हैं. हरीश रावत एक तीर से दो निशाना करना चाहते हैं. परिवार में चल रही कलह को समाप्त करना चाहते हैं. दूसरा पार्टी पर इमोशनल दबाव भी बनाना चाहते हैं. हरिद्वार से हरीश रावत खुद भी चुनाव लड़ना चाहते हैं. वहीं हरिद्वार लोकसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भारत सिंह रावत भी अपने दावेदारी कर चुके हैं. ऐसे में पार्टी पर दबाव बना कर हरीश रावत पार्टी से अपने लिए टिकट की हामी करना चाहते हैं.
अगर कांग्रेस हरिद्वार से हरीश रावत को टिकट देती है तो हरीश रावत के खुद के बेटे आनंद रावत इस बार पार्टी से बगावत कर सकते हैं. वहीं हरक सिंह रावत भी पार्टी से बगावत कर बसपा से चुनाव लड़ सकते हैं. इस प्रकार की अफवाह सामने आ रही हैं. इसमें कितनी सच्चाई है यह तो अभी नहीं कहा जा सकता लेकिन अगर कांग्रेस अपने टिकट की घोषणा करती है तो कांग्रेस के लिए यह टेढ़ी खीर साबित होने वाला है.