गोरखपुर लोकसभा चुनाव: क्या है सीटों का गणित और आम लोगों के मुद्दे? पढ़ें पूरी जानकारी
Lok Sabha Elections: गोरखपुर (Gorakhpur) में दो लोकसभा क्षेत्र हैं. गोरखपुर सदर लोकसभा क्षेत्र में कुल पांच विधानसभा और बांसगांव लोकसभा क्षेत्र में कुल 4 विधानसभा है.
Lok Sabha Elections 2024: यूपी के गोरखपुर में लोकसभा 2024 के चुनाव को लेकर मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम पूरा हो चुका है. नई वोटर लिस्ट में गोरखपुर सदर (Gorakhpur Sadar) और बांसगांव (Bansgaon) दोनों लोकसभा क्षेत्र में कुल वोटरों की संख्या 36,32,888 हो गई है. जिले की सभी 9 विधानसभा क्षेत्रों में कुल मिलाकर 56,039 नए मतदाता बढ़े हैं. इनमें से 60 फीसदी से अधिक महिलाएं हैं. जिले की सूची में 33 हजार 932 महिला मतदाता नई शामिल हुई हैं.
2024 के लोकसभा चुनाव पहली बार वोट देने के लिए सूची में शामिल हुए नए मतदाता जो पहली बार वोट करेंगे, उनमें चुनाव को लेकर अलग उत्साह है. गोरखपुर में दो लोकसभा क्षेत्र हैं. 64-गोरखपुर सदर लोकसभा क्षेत्र और 67-बांसगांव लोकसभा क्षेत्र दोनों में ही सीट पर बीजेपी के सांसद हैं.
गोरखपुर में विधानसभा की कितनी सीटें?
गोरखपुर में दो लोकसभा क्षेत्र के तहत कुल 9 विधानसभा की सीटें हैं. गोरखपुर सदर लोकसभा क्षेत्र में कुल पांच विधानसभा और बांसगांव लोकसभा क्षेत्र में कुल 4 विधानसभा है. गोरखपुर सदर लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा है- जिसमें गोरखपुर शहर, गोरखपुर ग्रामीण, सहजनवा, पिपराइच और कैंपियरगंज गोरखपुर आती है. बांसगांव लोकसभा क्षेत्र में चार विधानसभा- खजनी, चौरीचौरा, बांसगांव और चिल्लूपार आती है. गोरखपुर सदर लोकसभा क्षेत्र के कुल वोटर 20,74,745 है. जबकि बांसगांव में कुल वोटरों की संख्या 15,58,143 है. गोरखपुर सदर और बांसगांव दोनों लोकसभा क्षेत्र में कुल वोटर 36,32,888 है.
गोरखपुर में दोनों लोस सीटों पर बीजेपी का कब्जा
गोरखपुर सदर लोकसभा क्षेत्र में कुल पुरुष वोटर 11,12,023 है. जबकि महिला वोटरों की संख्या 9,62,531 है. बांसगांव लोकसभा क्षेत्र में पुरुष वोटरों की संख्या 8,42,042 तो वहीं महिला वोटरों की संख्या 7,16,023 है. दोनों लोकसभा क्षेत्र में पुरुष वोटर 19,54,065 और महिला वोटरों की संख्या 16,78554 है. गोरखपुर सदर से बीजेपी से रवि किशन शुक्ला सांसद हैं. बांसगांव लोकसभा क्षेत्र से सांसद बीजेपी के कमलेश पासवान हैं. गोरखपुर सदर लोकसभा सीट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गोरखनाथ मंदिर की मानी जाती है. योगी आदित्यनाथ यहां से लगातार पांच बार सांसद रहे हैं.
गोरखपुर सदर सीट से कौन हैं सांसद?
साल 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद हुए उपचुनाव में सपा से इं. प्रवीण निषाद ने चुनाव जीत कर बड़ा उलट फेर किया था. प्रवीण निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद के पुत्र हैं. वर्तमान में भी संतकबीरनगर लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद हैं. साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में गोरखपुर सदर लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर बॉलीवुड अभिनेता रवि किशन शुक्ला ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.
मतदाताओं की संख्या में इजाफा
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम पूरा होने के बाद नई वोटर लिस्ट में जिले की सभी 9 विधानसभा क्षेत्रों में कुल मिलाकर 56,039 नए मतदाता बढ़े हैं. इनमें से 60 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं. जिले की सूची में 33 हजार 932 महिला मतदाता नई शामिल हुई हैं. जिले में कुल मतदाताओं की संख्या 36,32,888 हो गई है. जिला निर्वाचन कार्यालय की ओर से प्रकाशित मतदाता सूची एक जनवरी 2024 को आधार वर्ष मानकर तैयार की गई है.
गोरखपुर सदर लोकसभा क्षेत्र में कुल पांच विधानसभा हैं. गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 4,68209 है. गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 4,22,038 हैं. सहजनवा विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,82,853 मतदाता हैं. पिपराइच विधानसभा क्षेत्र में कुल 4,10,764 मतदाता हैं. कैंपियरगंज विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,90,881 मतदाता हैं. बांसगांव लोकसभा क्षेत्र में कुल चार विधानसभा हैं. बांसगांव विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,79,709 वोटर हैं. खजनी विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,86,380 वोटर हैं. चौरीचौरा विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,55,437 वोटर हैं. चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र में कुल 4,36,617 वोटर हैं.
गोरखपुर की मुख्य समस्याएं क्या?
- गोरखपुर में ड्रेनेज सिस्टम बड़ी समस्या है. शहर की कई सड़कों को फोरलेन किया गया है, लेकिन अधिकतर मुख्य मार्गों पर बनी नालियां सड़क से ऊंची बना दी गई हैं.
- सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का नहीं होना एक बड़ी समस्या है. शहर के कचरे को डंप करना नगर निगम के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है.
- लोगों को जाम के साथ अतिक्रमण की समस्या से रोज दोचार होना पड़ता है. आईटीएमएस और रूट प्लान के बावजूद अधिकतर सड़कों पर लंबा जाम लगा होना, लोगों को मुसीबत में डाल देता है.
- कान्हा उपवन और अन्य गोशाला होने के बावजूद सड़क पर घूमने वाले आवारा और पालतू जानवर दुर्घटना का कारण बनते हैं. नगर निगम इसमें भी पूरी तरह से फेल साबित हो रहा है.
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