Varun Gandhi Politics: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत (Pilibhit) से बीजेपी सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) पिछले काफी समय से अपनी ही सरकार के खिलाफ बयानों को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं. पिछले कुछ दिनों में उन्होंने पार्टी लाइन से अलग हटकर कई ऐसे बयान दिए हैं जिससे बीजेपी को लेकर उनकी नाराजगी साफ देखने को मिली है. ऐसे में बीजेपी के भीतर उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं. वहीं ये भी माना जा रहा है कि वरुण गांधी 2024 में बीजेपी से अलग राजनीति करने की तैयारी कर रहे हैं. वरुण गांधी अगर बीजेपी से अलग होते हैं तो यूपी में उनके सामने कई विकल्प खुले हैं. आइए आपको बताते हैं कि बीजेपी से अलग होकर वरुण गांधी के सामने कौन से विकल्प है जिन्हें वो अपना सकते हैं.
कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं वरुण
हाल ही में वरुण गांधी का एक बयान काफी सुर्खियों में रहा जिसमें उन्होंने कहा कि वो न तो कांग्रेस के खिलाफ हैं और न ही नेहरू के खिलाफ. हमारी राजनीति देश को आगे बढ़ाने की राजनीति होनी चाहिए न कि गृहयुद्ध पैदा करने के लिए. इस बयान से लगता है कि वरुण कांग्रेस में एंट्री की तैयारी कर रहे हैं. गांधी परिवार से जुड़े होने की वजह से ये संभावनाएं और ज्यादा हैं. सूत्रों की मानें प्रियंका गांधी, लगातार वरुण गांधी से संपर्क में बनीं हुई हैं. वरुण की कांग्रेस में एंट्री की जिम्मेदारी उन्हें ही दी गई है.
यही नहीं यूपी में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी वरुण गांधी के राहुल गांधी के साथ जुड़ने के कयास लगे थे. कांग्रेस की तरफ से कई बीजेपी नेताओं को न्योता भेजा गया था. माना जा रहा था कि वरुण इस यात्रा में शामिल हो सकते है हालांकि ऐसा नहीं हुआ. शायद वरुण अभी सही समय का इंतजार कर रहे हैं.
सपा या आरएलडी में हो सकते हैं शामिल
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले भी वरुण गांधी के सपा या आरएलडी में शामिल होने के कयास लगे थे. खबर थी कि वरुण गांधी अगर इन दलों में शामिल होते है तो उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. हालांकि ये अटकलें सही साबित नहीं हुईं. बावजूद इसके वरुण गांधी लगातार लखीमपुर खीरी और किसानों को लेकर सरकार की नीतियों पर निशाना साधते रहे. अगर वरुण बीजेपी से अलग होते हैं तो वो एक बार फिर से सपा या आरएलडी में आ सकते हैं. हालांकि बसपा का विकल्प भी उनके सामने खुला हुआ है.
अपनी नई पार्टी बना सकते हैं वरुण गांधी
वरुण गांधी अगर कांग्रेस, सपा, आरएलडी या बसपा में शामिल नहीं होते हैं तो उनके सामने अपनी नई पार्टी बनाने का विकल्प भी हैं. यूपी विधानसभा चुनाव 2017 से पहले वरुण यूपी बीजेपी का एक बड़ा चेहरा हुआ करते थे और बीजेपी के फायर ब्रांड नेताओं में शामिल थे. 2017 में वो मुख्यमंत्री पद की रेस में भी शामिल थे. हालांकि बाद में बीजेपी ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री घोषित किया. इसके बाद वो पार्टी में किनारे लगते चले गए. ऐसे में माना जा रहा है कि वरुण अपनी नई पार्टी भी बना सकते हैं, हालांकि इस संभावना थोड़ी कम है.
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