UP News: बीजेपी (BJP) के विजय रथ को 2024 में रोकने के लिए सभी राजनीतिक दलों के थिंक टैंक महागठबंधन पर चर्चा कर रहे हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) में दिग्गज कांग्रेसियों को गठबंधन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं है. कांग्रेस के झंडे को बुलंदियों पर ले जाने वाले इन नेताओं का कहना है कि अगर इस बार भी यूपी में पार्टी ने गठबंधन किया तो हालात और बदतर हो जाएंगे. वहीं समाजवादी पार्टी (SP) की यूनिट का कहना है कि बीजेपी को हटाने के लिए मिल जुलकर काम करना होगा.
बीजेपी को लोकसभा चुनावों में रोकने के लिए महागठबंधन की खूब चर्चा है. 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में तमाम क्षेत्रीय दल लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पटखनी देने के लिए एक नई रणनीति पर विमर्श करने जा रहे हैं. इस गठबंधन में क्षेत्रीय दल कांग्रेस से तमाम उम्मीद लगा कर बैठे हैं लेकिन कर्नाटक की जीत के बाद पार्टी फिलहाल गठबंधन पर संभल-संभल कर बात कर रही है.
मल्लिकार्जुन खरगे को लिखा पत्र
कानपुर में कांग्रेस का परचम बुलंद करने वाले दिग्गज नेताओं ने इस बीच अपनी राय रखी है. पूर्व विधायकों ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक पत्र लिखा है और इस पत्र में किसी भी तरह का गठबंधन उत्तर प्रदेश में न करने की बात कही गई है यानी कद्दावर नेताओं ने यूपी में किसी तरह के किसी भी पार्टी से गठबंधन को न करने का सुझाव दिया है.
एक जमाने में कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता रहे और पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र और पूर्व विधायक नेक चंद्र पांडे ने इस बाबत मल्लिकार्जुन खरगे को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें कई सारे सुझाव देते हुए गठबंधन ना करने की मांगी गई है. वहीं पूर्व विधायक नेक चंद्र पांडे भी गठबंधन के पक्ष में नहीं है. उनका मानना है कि कांग्रेस को गठबंधन से हमेशा नुकसान हुआ है. इन क्षेत्रीय दलों के पास आज जो वोट बैंक है वो कभी कांग्रेस का ही हुआ करता था जो पार्टी को किसी भी कीमत में वापस लेना है.
'गठबंधन से कांग्रेस के झेलना पड़ा नुकसान'
यहीं नहीं एआईसीसी सदस्य और पूर्व जिलाध्यक्ष हर प्रकाश अग्निहोत्री का भी मानना है कि कांग्रेस को गठबंधन से आज तक नुकसान ही झेलना पड़ा है. ऐसे में कांग्रेस का मतदाता जो रुठा हुआ है, वह वापस नहीं आ पा रहा और कार्यकर्ताओं की अपेक्षा भी पूरी न होने से उनमें काफी निराशा का माहौल उत्पन्न हो जाता है.
दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी संभल-संभल कर प्रतिक्रिया देती दिख रही है. भले ही कांग्रेस के दिग्गज नेता पार्टी को गठबंधन न करने की खुलकर सलाह दे रहे हों लेकिन सपा बीजेपी विरोध के नाम पर कांग्रेस से भी इस महागठबंधन में शामिल होने की बिना कुछ कहे चाहत जरूर रख रही है. कर्नाटक में जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस पार्टी गठबंधन को लेकर ज्यादा बातें नहीं कर रहीं लेकिन अन्य विपक्षी और क्षेत्रीय दल खुलकर अपनी राय रख रहे हैं. ऐसे में सियासी नफा नुकसान के बीच क्या होगा लोकसभा चुनाव पूर्व गठबंधन, ये देखने वाली बात होगी.