लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय लोकदल यानी रालोद को तगड़ा झटका लगा है. पार्टी के तीन अहम नेताओं ने जयंत चौधरी का साथ छोड़ दिया है. तीनों ने चिट्ठी लिखकर अपना इस्तीफा भेज दिया है. इस्तीफा देने वालों में आरिफ महमूद, अमित कुमार पटेल और मनजीत सिंह शामिल हैं. मनजीत सिंह रालोद में कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष थे. वहीं अमित कुमार पटेल युवा रालोद के राष्ट्रीय सचिव थे और आरिफ महमूद, रालोद के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष थे.
अमित पटेल ने जयंत चौधरी को लिखी चिट्ठी में कहा है कि पार्टी नेताओं की कार्यशैली ठीक ने होने व कभी किसी समस्या में फोन न उठाने आदि सिर्फ लखनऊ व दिल्ली में बैठकर सिर्फ तमाम नेता सिर्फ टीवी पैनल पर बैठकर सिर्फ पार्टी में चर्चा में बने हुए हैं. कोई जमीन पर लोगों के बीच जाने का समय ही नहीं है.
आरिफ और मनजीत ने लगाए ये आरोप
वहीं आरिफ महमूद ने लिखा कि बीते चार पांच महीने से अल्पसंख्यकों को पार्टी में अपमानित किया जा रहा है. और प्रकोष्ठ के लोगों को काम से दूर कर दिया गया. उन्होंने अपनी चिट्ठी में आरोप लगाया है कि मैंने आपसे (जयंत चौधरी) को समस्या से अवगत कराया लेकन कोई ध्यान नहीं दिया गया और कमेटी ही भंग कर दी गई. इसके बाद भी मैंने अपनी बात रखी मगर कोई विचार नहीं किया गया.
दूसरी ओर मनजीत सिंह ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि अगस्त से अक्टूबर के दौरान तीन महीनों में हुए घटनाक्रम के बारे में मैंने आफको जानकारी दी लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. रालोद अपने बेस वोटर्स किसानों की आवाज उठाना भी बंद कर दिया है. जो आवाज उठाना चाहता है उसे दबा दिया जाता है.
मनजीत सिंह ने कहा है कि मुझे जो भी जिम्मेदारी दी गई मैंने पूरी की और ईमानदारी से अपना काम किया. आज दुःखी होकर भारी मन से इस्तीफा दे रहा हूं.