UP Politics: क्या बीजेपी के खिलाफ एकजुट हो पाएंगे विपक्षी दल? जयंत चौधरी की इस रणनीति से गरमाई सियासत
Opposition Parties Meeting: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि देश को बचाने के लिए विपक्षी मिलकर काम करेंगे, लेकिन हकीकत तो ये है कि यूपी में ही विपक्षी एकता पर सवाल उठ रहे हैं.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में विपक्ष की एकजुटता को लेकर शुक्रवार 23 जून को पटना में महाबैठक हुई, जिसमें बीजेपी के खिलाफ सभी दलों ने एकजुट होकर साझा रणनीति के तहत आगे बढ़ने का फैसला लिया. ये सभी किस रणनीति के तहत आगे बढ़ेंगे इसके लिए अगली बैठक अब शिमला में होगी, लेकिन इन तमाम बातों के बावजूद यूपी में विपक्ष की एकजुटता वैसी नहीं दिख रही है, जैसा कि दावा किया जा रहा है.
पटना में विपक्षी दलों की बैठक के दौरान जब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ये दावा कर रहे थे कि देश को बचाने के लिए बीजेपी के खिलाफ हम सब एकजुट होकर काम करेंगे, उस वक्त यूपी में विपक्षी दलों की एकजुटता को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे थे. विपक्ष की एकजुटता को लेकर समीकरण गड़बड़ाते दिख रहे हैं. सपा की सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल पार्टी के नेता जयंत चौधरी अलग राह पर दिखाई दे रहे हैं. जयंत चौधरी कल विपक्ष की महाबैठक में भी शामिल नहीं हुए, हालांकि उन्होंने इसके पीछे पहले से तय कार्यक्रम को वजह बताया है.
जयंत चौधरी को लेकर अटकलें
रालोद प्रमुख जयंत चौधरी जहां 2022 के चुनाव में अखिलेश यादव के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चुनाव लड़ते हुए दिखाई दिए थे, वो जयंत अब सपा से खिंचे-खिंचे नजर आ रहे हैं. जयंत चौधरी ने पटना में विपक्ष की बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया, हालांकि उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखी चिट्ठी में इस बैठक के लिए शुभकामनाएं जरूर दी. उन्होंने इस बैठक का समर्थन भी किया और कहा कि वो पूर्व निर्धारित पारिवारिक कार्यक्रम की वजह से इस बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे.
विपक्ष की बैठक में शामिल नहीं हुए जयंत
जयंत चौधरी ने भले ही विपक्ष की बैठक में शामिल नहीं होने की वजह पहले से तय कार्यक्रम बताए लेकिन बावजूद इसके एक बार फिर सपा और रालोद के बीच टकराव को लेकर कयास लगने शुरू हो गए. दरअसल यूपी निकाय चुनाव के दौरान सपा और रालोद के बीच मतभेद उस वक्त खुलकर सामने आ गए थे जब सपा ने मेरठ सीट पर जयंत चौधरी से बात किए बिना ही सीमा प्रधान को अपना प्रत्याशी बना दिया था, इसके बाद कई सीटों पर सपा और रालोद दोनों दलों के प्रत्याशी आमने-सामने नजर आए.
भले ही जयंत चौधरी ने अब तक सपा के खिलाफ सीधे तौर पर कोई बयान न दिया हो लेकिन पार्टी के कई नेता लगातार सपा पर सवाल उठा रहे हैं. रालोद नेता रामाशीष राय ने तो यहां तक कह दिया कि 2024 में रालोद और सपा का गठबंधन रहेगा या नहीं इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता. इस बीच माना जा रहा है कि रालोद कांग्रेस के साथ गठबंधन के पक्ष में है तो वहीं सपा विपक्षी एकता की बात तो कर रही है लेकिन कांग्रेस को भी बड़ा दिल रखने की सलाह दे रही है. ऐसे में ये सभी दल एकजुट हो पाएंगे, इसे लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ मायावती पहले से ही एकला चलो की रहा पर हैं. ऐसे में यूपी मे विपक्षी एकता हो पाएगी ये कहना फिलहाल मुश्किल लग रहा है.