Lok Sabha Election 2024: जब मथुरा सीट पर अटल बिहारी वाजपेयी की हुई थी हार, जानें इस सीट का क्या है समीकरण
UP Lok Sabha Chunav 2024: बीजेपी-आरएलडी गठबंधन उम्मीदवार के तौर पर राष्ट्रीय लोक दल के मुखिया जयंत चौधरी साल 2009 के चुनाव में मथुरा से सांसद चुने गए. अब इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है.
UP Lok Sabha Election 2024: श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के कारण मथुरा सुर्खियों में बना हुआ है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मथुरा का धार्मिक महत्व है. हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार मथुरा, ब्रज या बृज-भूमि में भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है. हिंदू पक्ष के लिए मथुरा-वृंदावन धार्मिक केंद्र का हिस्सा है. मथुरा को श्रीकृष्ण की जन्मभूमि भी कहा जाता है. महाभारत और भागवत पुराण महाकाव्यों के अनुसार, मथुरा सुरसेन साम्राज्य की राजधानी थी. सुरसेन पर श्री कृष्ण के मामा कंस का शासन था. घने जंगल की वजह से सुरसेन की प्राचीन काल में मधुवन के नाम से पहचान थी. मधुवन का नाम मधुपुरा से होते हुए मथुरा पड़ गया.
क्या है मथुरा का इतिहास?
इतिहासकारों के मुताबिक मथुरा में कई मंदिरों को महमूद गजनवी और सिकंदर लोदी ने नष्ट कर दिया था. मुगल बादशाह औरंगजेब ने अपने शासन काल में शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था. शाही ईदगाह मस्जिद श्री कृष्ण जन्मभूमि के निकट है. एक पक्ष का मानना है कि हिंदू मंदिर के ऊपर मस्जिद का निर्माण किया गया. आंकड़ों के मुताबिक मथुरा में 18 लाख से अधिक मतदाता हैं. सबसे ज्यादा जाट मतदाताओं की संख्या है. जाट मतदाता करीब साढ़े तीन लाख हैं.
सीट का जातीय समीकरण
दूसरे नंबर पर ब्राह्मण मतदाता हैं. ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या लगभग तीन लाख है. ठाकुर मतदाताओं की संख्या भी लगभग तीन लाख है. जाटव मतदाता करीब डेढ़ लाख हैं. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी जाटव के बराबर है. मथुरा लोकसभा सीट पर वैश्य मतदाता करीब एक लाख हैं. यादव मतदाताओं की संख्या करीब 70 हजार है. अन्य जातियों के करीब एक लाख वोटर हैं. मथुरा लोकसभा सीट पर हुए 1952 और 1957 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी.
अब तक का सियासी सफर
1957 के चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी मथुरा से हार गये थे. अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनसंघ के टिकट पर चुनाव लड़े थे और उनकी जमानत जब्त हो गई थी, इस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी के खाते में महज 23620 आए थे. इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार राजा महेंद्र प्रताप सिंह की 95202 वोट पाकर जीत हुई थी. दूसरे नंबर पर कांग्रेस के दिगंबर सिंह रहे थे, जिन्हें 69209 वोट मिले थे. वहीं साल 1962, 1967 और 1971 के लोकसभा चुनाव में मथुरा से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को जीत मिली. 1977 और 1980 में जनता पार्टी का मथुरा सीट पर दबदबा रहा. 1984 के लोकसभा चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने जीत दर्ज की. चौधरी चरण सिंह की पत्नी गायत्री देवी को मथुरा से शिकस्त मिली. 1989 में मथुरा की सीट जनता दल के हिस्से में गई. 1991 से लेकर 1998 तक हुए चार चुनावों में बीजेपी का दबदबा रहा.
2004 के लोकसभा चुनाव में मथुरा से कांग्रेस ने जीत दर्ज की. चौधरी चरण सिंह की बेटी ज्ञानवती सिंह मथुरा में चुनाव हार गईं थी. बीजेपी-आरएलडी गठबंधन उम्मीदवार के तौर पर जयंत चौधरी 2009 में मथुरा से सांसद चुने गए. 2014 और 2019 से हेमा मालिनी को मथुरा लोकसभा सीट पर जीत मिल रही है. हेमा मालिनी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जयंत चौधरी को शिकस्त दी थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में हेमा मालिनी से रालोद प्रत्याशी कुंवर नरेंद्र सिंह को हार का सामना करना पड़ा. अब 2024 में देखना होगा कि कौन मथुरा सीट से चुनाव लड़ता है और जनता का आशीर्वाद किसे प्राप्त होता है.