UP Politics: पश्चिमी यूपी में बढ़ी जयंत चौधरी की मुश्किलें, RLD का खेल बिगाड़ने के लिए एक्टिव हुई ये पुरानी पार्टी
Lok Sabha Election 2024: पश्चिमी यूपी में जयंत चौधरी के एनडीए ख़ेमे में जाने के बाद पुरानी लोकदल ने पीडीए को समर्थन देने का एलान कर दिया है, जिससे आरएलडी का खेल बिगड़ सकता है.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर आए दिन नए सियासी समीकरण बन रहे हैं. जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोकदल के एनडीए खेमे में जाने के बाद पश्चिमी यूपी में पुरानी लोकदल मैदान में उतर आई हैं. वहीं मौके पर चौका मारते हुए हल जोतते किसान चुनाव चिन्ह के साथ लोकदल पीडीए को समर्थन कर रही है. पिछले दिनों अलीगढ़ में राहुल गांधी की यात्रा में भी पार्टी के झंडे दिखाई दिए थे. पार्टी अध्यक्ष सुनील चौधरी ने दावा किया कि वो राहुल गांधी के साथ रहेंगे, उन्होंने अपनी पार्टी को अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, आगरा, बुलंदशहर समेत कई जगहों पर मजबूत बताया. यूपी में ये नया सियासी समीकरण जयंत चौधरी की मुश्किलें बढ़ा सकता है.
दरअसल, 1974 में चौधरी चरण सिंह ने भारतीय लोकदल के नाम से एक पार्टी बनाई थी. मगर, 1977 में कांग्रेस को हराने के लिए इस पार्टी का विलय जनता पार्टी में हो गया था. इसके बाद चौधरी चरण सिंह प्रधानमंत्री बने. विलय के बाद आपसी मतभेद शुरू हुए तो 1980 में लोकदल नाम से एक और पार्टी बनी जिससे, जनता पार्टी बुरे तरीके से टूट गई. 1980 में चौधरी चरण सिंह ने अपना वर्चस्व दिखाते हुए लोकदल को मजबूत करने के लिए जमीनी स्तर पर पार्टी से ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ना शुरू कर दिया. जिसका निशान 'हल जोतता हुआ किसान' रखा गया था.
अजित सिंह से मतभेद के बाद टूटी पार्टी
साल 1987 में लोकदल पार्टी के उत्तराधिकारी को लेकर अलीगढ़ के जाट नेता चौधरी राजेंद्र सिंह और चौधरी चरण सिंह के बेटे अजीत सिंह में काफी मतभेद हो गया और चौधरी अजीत सिंह ने अपनी नई पार्टी राष्ट्रीय लोकदल की नींव रखी. आपसी मतभेदों के बाद चौधरी राजेंद्र सिंह लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये गए. लंबे समय तक लोकदल और राष्ट्रीय लोकदल के द्वारा अपना अपना वर्चस्व दिखाया. कुछ समय बाद चौधरी राजेन्द्र सिंह का निधन हो गया और उनके बेटे चौधरी सुनील सिंह पार्टी ने पार्टी की कमान संभाली.
शिक्षा जगत से रहा है नाता
लोकदल घराने का शिक्षा जगत गहरा नाता रहा है. चौधरी सुनील सिंह शिवदान सिंह इंस्टीट्यूट व सरोज सिंह इंटर नेशनल यूनिवर्सिटी के मालिक है. साथ ही उन्होंने 'एक सैकेंड जो जिंदगी बदल दे' नाम की मूवी भी बनाई है. इनके बड़े भाई दिलीप सिंह के पास श्री शिवदान सिंह डिग्री कॉलेज, शिवदान सिंह इंटर कॉलेज, राजेन्द्र प्रसाद कॉलेज, अलीगढ़ कॉलेज सहित अन्य कॉलेज है.
चौधरी सुनील सिंह तीन बार एमएलसी रह चुके हैं. आठ माल एवेन्यू की सीएम हाउस कोठी सुनील सिंह के पास है. यह कोठी चौ.चरण सिंह मुख्यमंत्री रहते हुए जिस आवास आठ माल एवेंन्यू में रहते थे. वही आवास उन्होंने राजेंद्र सिंह को दिया जिसके बाद में प्रदेश का सिंचाई मंत्री बनने पर आवंटित कराया गया तो चौ.राजेंद्र सिंह ने इस कोठी को फ्री होल्ड करा लिया और आज वही आवास सुनील सिंह के पास है. सुनील सिंह मूल रूप से इगलास के गांव कजरौठ के रहने वाले है. लेकिन, मौजूदा समय मे वह थाना सिविल लाइन के केला नगर और लखनऊ में रहते है.