(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Lok Sabha Election 2024: बदलते दौरे के साथ बदल रहा चुनाव प्रचार का तरीका, नेता डिजिटल प्लेटफॉर्म को दे रहें प्राथमिकता
UP Lok Sabha Election 2024: वाराणसी को सियासत और चुनावी हलचल का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है. बदलते दौर के साथ अब चुनाव प्रचार का तरीका भी बदल चुका है. अब प्रचार का तरीका डिजिटल हो गया है.
UP Lok Sabha Chunav 2024: बदलते समय के साथ चुनावी दौर में नेताओं द्वारा अपने प्रचार प्रसार के तरीकों में भी बदलाव किया गया है. खासतौर पर चुनाव के दौरान जनता तक सीधे पहुंचने के लिए अब अलग-अलग पार्टियों के नेता पोस्टर होर्डिंग की तुलना में सोशल मीडिया साइट व डिजिटल प्लेटफॉर्म को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं. पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा डे - टु -डे अपने चुनावी अभियान कार्यक्रम का सारा विवरण अपने सोशल मीडिया साइट पर तो शेयर किया ही जा रहा है, साथ ही रैलियों - चुनावी सभाओं से जुड़े हर तस्वीरों का जिक्र भी उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर रहता है. आज के दौर में बेहद कम समय में राजनेता अपनी प्रतिक्रिया और चुनावी प्रचार प्रसार को लोगों तक पहुंचाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म को ही माध्यम बना रहे है.
आज के दौर में वाराणसी को सियासत और चुनावी हलचल का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है. खासतौर पर चुनावी तारीख नजदीक आते ही गली, चौराहे और ज्यादातर सड़के पोस्टर बैनर से पट्टी दिखाई देती थी लेकिन इस बार तस्वीर कुछ अलग है. अलग-अलग पार्टियों के कार्यकर्ता और राजनेता अपने सोशल मीडिया साइट के माध्यम से ही चुनाव प्रचार प्रचार में सक्रिय नजर आ रहे हैं. हालांकि पोस्टर बैनर भी जरूर लगे हैं लेकिन पिछले वर्षों की तुलना में इनकी संख्या काफी कम है.
सोशल मीडिया बना चुनावी अखाड़ा
अब पार्टी कार्यकर्ताओं पदाधिकारी और नेताओं द्वारा डे टुडे कार्यक्रम का सभी विवरण और जनता से जुड़कर चुनावी अभियान के सभी विषयों को अपने फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया साइट पर शेयर किया जा रहा है और सबसे प्रमुख बात की उम्मीदवारों के साथ-साथ पार्टी पदाधिकारीयों को बेहद कम समय में चुनावी प्रचार प्रसार को जनता तक पहुंचाने का अवसर मिल रहा है.
अक्सर चुनाव नजदीक आते ही पार्टियों में पोस्टर वार छिड़ जाता है लेकिन इस बार नेताओं की जुबानी जंग खासतौर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देखी जा रही है. पार्टी विचारधारा के आधार पर एक दूसरे पर टिप्पणी करने से लेकर खींचातानी तक की बातें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पार्टी नेताओं द्वारा लिखी जा रही है. हालांकि जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की निगरानी रखी जा रही है. यह भी स्पष्ट हिदायत दी गई है कि किसी प्रकार का भ्रामक प्रचार व आचार संहिता का उल्लंघन करने पर कार्यवाई सुनिश्चित होगी.
ये भी पढ़ें: Kanpur News: कानपुर में युवक के साथ बर्बरता की हदें पार, पैसों के लिए आरोपियों ने की जलाने की कोशिश