Varun Gandhi News: भारतीय जनता पार्टी ने पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी को टिकट नहीं दिया. उनकी जगह योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को पीलीभीत से लोकसभा का टिकट दिया गया है. ऐसे में अब यह सवाल उठ रहे हैं कि वरुण गांधी क्या करेंगे?


दरअसल, बीते दिनों वरुण गांधी के करीबियों द्वारा नामांकन के लिए चार सेट में पर्चा खरीदने की बात सामने आई थी. हालांकि तब उनके समर्थकों ने दावा किया था कि पार्टी वरुण को टिकट देगी. अब पार्टी द्वारा टिकट काटने की दशा में सवाल उठ रहे हैं कि क्या वरुण गांधी निर्दलीय इलेक्शन लड़ेंगे या किसी राजनीतिक दल का दामन थामेंगे.


बीते दिनों एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम घोषणा पत्र में जब समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से वरुण गांधी को प्रत्याशी बनाए जाने पर सवाल पूछा गया था तो उन्होंने भी सकारात्मक संकेत दिए थे. इसके अलावा पीलीभीत से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार ने भी वरुण गांधी के लिए सीट खाली करने का ऑफर दिया था.


माना जा रहा है कि बीजेपी द्वारा टिकट काटे जाने के बाद अब गेंद वरुण के पाले में है कि वह क्या फैसला करते हैं.


क्या है पीलीभीत लोकसभा सीट का इतिहास!
इस लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी पीलीभीत सीट से छह बार सांसद रह चुकी हैं. मेनका गांधी ने 1989 में पहली बार जनता दल के टिकट पर पीलीभीत लोकसभा सीट जीती. उसके बाद 1996 से 2014 के बीच पांच बार इसी सीट से सांसद चुनी गईं. उन्होंने 2009 में बेटे वरुण गांधी के लिए सीट खाली कर दी और सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा, लेकिन 2014 में वो वापस पीलीभीत लोकसभा पर आईं और चुनाव लड़कर जीत हासिल की. वो छठी बार सांसद बनीं. 2019 में एक बार फिर से मेनका ने वरुण गांधी के साथ सीटों की अदला-बदली की. वरुण गांधी पीलीभीत से और मेनका सुल्तानपुर से संसद पहुंचे.


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