Lok Sabha Election 2024: यूपी में सीट बंटवारे को लेकर बढ़ सकती हैं INDIA की मुश्किलें, रालोद ने कर दी बड़ी मांग
UP News: यूपी में गठबंधन में कांग्रेस के शामिल होने से निस्संदेह सपा पर सीट बंटवारे को लेकर दबाव बढ़ेगा. जबकि, कांग्रेस नेताओं का दावा है कि वे रायबरेली और अमेठी सहित कम से कम 15 सीटें चाहेंगे,
Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश में विपक्षी गठबंधन में सीट बंटवारा एक बड़ी बाधा बनकर उभरने वाला है. उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) 2024 में आगामी लोकसभा चुनावों में अपने प्रदर्शन को लेकर बेहद आश्वस्त है और वह सांकेतिक बंटवारे के अलावा सहयोगियों को सीटें देना पसंद नहीं करेगी. हालांकि, सपा की सहयोगी रही राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) पहले ही 12 सीटों की मांग कर चुकी है.
आरएलडी की राज्य इकाई के प्रमुख रामाशीष राय ने कहा, ''समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के लिए सीटें छोड़ने से पार्टी को कोई खास फायदा नहीं हुआ. पश्चिमी यूपी आरएलडी का गढ़ है और हम जिन 12 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, वो कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, अमरोहा, मेरठ, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, फतेहपुर सीकरी, मथुरा और बागपत हैं.''
हालांकि, समाजवादी पार्टी के सूत्रों ने कहा कि पार्टी नेतृत्व रालोद को केवल पांच सीटें देगा, जो रालोद को स्वीकार्य नहीं हो सकता है. साल 2022 के विधानसभा चुनावों में अपने अच्छे प्रदर्शन के बाद आरएलडी उत्साहित मूड में है. पार्टी ने आठ सीटें जीतीं और फिर उपचुनाव में एक और सीट हासिल की, जिससे उसकी सीटें नौ हो गईं.
आरएलडी और सपा के बीच गठबंधन उन रिपोर्टों के बाद और दिखावटी हो गया है कि आरएलडी 2024 के चुनावों के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन करने को इच्छुक है, एक गठबंधन जिसके लिए अखिलेश बहुत उत्सुक नहीं हैं, लेकिन केवल अन्य विपक्षी दलों के दबाव में कांग्रेस को बर्दाश्त कर रहे हैं.
सपा पर सीट बंटवारे को लेकर बढ़ेगा दबाव
उत्तर प्रदेश में गठबंधन में कांग्रेस के शामिल होने से निस्संदेह सपा पर सीट बंटवारे को लेकर दबाव बढ़ेगा. जबकि, कांग्रेस नेताओं का दावा है कि वे रायबरेली और अमेठी सहित कम से कम 15 सीटें चाहेंगे, लेकिन सपा इतनी सीटें छोड़ने के मूड में नहीं है.
सीट बंटवारे पर चर्चा करने से बच रहे हैं विपक्षी गठबंधन के सदस्य
दिल्ली और लखनऊ में कांग्रेस नेतृत्व ने अभी तक राज्य में इंडिया सदस्यों के साथ बातचीत के रास्ते नहीं खोले हैं. इस स्थिति में, विपक्षी गठबंधन के सदस्य दल अब तक सीट बंटवारे पर चर्चा करने से भी बचते रहे हैं, हालांकि वे इसे अधिक समय तक टालने में सक्षम नहीं हो सकते क्योंकि आम चुनाव केवल कुछ महीने दूर हैं.
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक आर.के. सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गैर-भाजपा दलों के बीच सीट बंटवारा एक बड़ी बाधा बनने जा रहा है. सपा को लोकसभा चुनाव में अधिक उदारता दिखानी होगी और अगर अखिलेश ऐसा नहीं करते हैं, तो गठबंधन को यूपी में कोई फायदा नहीं होगा. यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं. आरएलडी और कांग्रेस के अलावा, अपना दल (कमेरावादी) जैसे छोटे दल भी गठबंधन में अपना हिस्सा तलाशेंगे.
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