Lok Sabha Elections 2024: आरएलडी मुखिया और राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी की बीजेपी से बढ़ती नजदीकियों और साथ चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बाद पश्चिमी यूपी का माहौल बदल गया है. इसके साथ ही अखिलेश यादव के खिलाफ पश्चिमी यूपी में आरएलडी के नेताओं के बयानों का तूफान अब पूरी तरीके से थम गया है. आरएलडी के नेता अखिलेश यादव और सपा पर तल्ख टिप्पणी करने के बजाय खामोश हो गए हैं. बात चाहे मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट की हो या फिर कैराना लोकसभा सीट की आरएलडी के नेता खुलकर सपा का विरोध कर रहे थे. लेकिन पिछले 8 दिन से घोर सन्नाटा है. पश्चिमी यूपी में आरएलडी के नेता अब सपा या अखिलेश पर न तो कुछ बोल रहे हैं और न कुछ कहने को तैयार हैं. सपा के खिलाफ आरएलडी नेताओं के बयानों का तूफान फिलहाल थम गया है. चर्चा हो रही है कि आखिर आरएलडी के बयानवीर कहां चले गए हैं और क्यों खामोश हो गए?
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने आरएलडी को 7 लोकसभा सीट दीं, लेकिन तीन सीटों पर आरएलडी के सिंबल पर सपा के नेताओं के चुनाव लड़ाने की तैयारी ने पश्चिमी यूपी का माहौल गरमा दिया. आरएलडी के नेता एक तरफ चुनावी तैयारी कर रहे थे तो दूसरी तरफ सपा के खिलाफ तल्ख और बगावती तेवर अपना रहे थे. सब कुछ जयंत चौधरी को भी मालूम था, लेकिन जयंत चौधरी ने न तो कभी प्रतिकिया दी और ना ही सपा के खिलाफ अपने नेताओं को बोलने से रोका. नतीजा आरएलडी नेताओं के बगावती तेवर और तल्ख होते चले गए. ये दिखने लगा था कि सपा और आरएलडी नेताओं के बीच जब आपसी तालमेल ही नहीं है तो फिर लोकसभा चुनाव में नैया कैसे पार लगेगी और जयंत इस मसले पर क्यों खामोश हैं?
अशरफ अली के बयान से गरमाया माहौल
कैराना में आरएलडी नेता पूर्व सांसद अमीर आलम और जयंत के एमएलए अशरफ अली ने अखिलेश और सपा पर सवालों के बौछार करने में कोई कमी नहीं छोड़ी. शामली जिले में आरएलडी के संवाद कार्यक्रम में पूर्व सांसद अमीर आलम का ये कहना कि आरएलडी के सिंबल पर सपा का नेता चुनाव लडे इससे बड़ी बेइज्जती हमारी हो ही नहीं सकती, जबकि थाना भवन से आरएलडी विधायक अशरफ अली ने तो यहां तक कह दिया था कि अब बोल्ड स्टेप लेने होंगे, अखिलेश यादव को समझाना होगा कि कैराना में आरएलडी चुनाव लड़ेगी तो गठबंधन को पूरे पश्चिम में फायदा होगा वरना नुकसान. एमएलए अशरफ अली ने ये भी कहा था कि 2019 में कैराना में आरएलडी चुनाव लड़ती तो हम बागपत न हारते.
सपा और अखिलेश के खिलाफ आरएलडी नेताओं के गुस्से और लगातार की जा रही टिप्पणी बंद होने पर जब हमने चुनाव संयोजक और पूर्व एमएलए वीरपाल राठी से बात की तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि अब इसपर बात करने से कोई फायदा नहीं, चीजे बदल रहीं हैं इंतजार कीजिए.
(सनुज शर्मा की रिपोर्ट)