Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की सहारनपुर लोकसभा सीट पर पहले चरण में शुक्रवार 19 अप्रैल को वोटिंग होनी है. बुधवार शाम को इस सीट पर चुनाव प्रचार का शोर थम गया है. ये सीट इस कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद को लेकर सुर्खियों में हैं. जिनके समर्थन में खुद प्रियंका गांधी ने रोड शो किया, जिसमें भारी संख्या में भीड़ दिखाई दी. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या यूपी कांग्रेस की बंजर जमीन पर इमरान मसूद जीत की फसल उगा पाएंगे. वो कांग्रेस के लिए कितने मजबूत साबित होंगे. 


सहारनपुर लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में हैं जहां से गठबंधन की ओर से इमरान मसूद मैदान में है. यहां कांग्रेस को बहुत उम्मीदें भी है यही वजह है  कि लंबे अर्से बाद प्रियंका गांधी चुनाव प्रचार के लिए यहां पहुंची. सहारनपुर में कांग्रेस की सबसे मजबूत कड़ी इमरान मसूद हैं जो पिछले 20 सालों से प्रदेश की सियासत में सक्रिय हैं. 


कितने मजबूत इमरान मसूद?
इमरान मसूद ने अपने सियासी करियर में घाट-घाट का पानी पिया है. हालांकि उन्होंने सबसे ज़्यादा समय कांग्रेस के साथ ही गुज़ारा है. इमरान मसूद ने साल 2006 में पहली बार नगर पालिका परिषद का चुनाव लड़ा और चेयरमैन बने. इसके बाद वो 2007 में विधानसभा चुनाव में निर्दलीय विधायक चुने गए. इसके बाद इमरान मसूद चार बार विधानसभा और लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. 



इन हार के बाद भी सबसे बड़ी बात ये रही है इमरान के समर्थन में बंपर वोट पड़े और वो एक मजबूत उम्मीदवार के तौर पर दावेदारी ठोकते रहे. साल 2012 विधानसभा चुनाव में इमरान मसूद ने नकुड़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन चार हजार वोट से हार गए. 


2014 में कांग्रेस के टिकट पर सहारनपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा तब उन्हें चार लाख से ज्यादा वोट मिले और 65 हजार वोटों से उन्हें हार का सामना करना पड़ा. ये वही चुनाव हैं जब इमरान मसूद ने पीएम मोदी को लेकर बोटी-बोटी वाले विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में आए थे. इस दौरान उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. 


साल 2017 में इमरान मसूद ने फिर नकुड़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन 3 हजार वोटों से हार गए. 2019 में भी इमरान मसूद ने सहारनपुर सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और सपा-बसपा गठबंधन के बावजूद उन्हें दो लाख से ज्यादा वोट मिले. 


2022 विधानसभा चुनाव से पहले इमरान मसूद सपा में शामिल हो गए लेकिन सपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिसके बाद वो सपा छोड़कर बसपा में शामिल हो गए. लेकिन वहां भी ज्यादा दिन नहीं टिके और एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हो गए. अब कांग्रेस में आने के बाद उन्हें फिर से सहारनपुर से कांग्रेस ने टिकट दिया है. उनका मुकाबला बीजेपी के राघव लखनपाल से हैं. 


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