Lok Sabha Election 2024: इलाहाबाद हाइकोर्ट में सांसद और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अफजाल अंसारी से जुड़े गैंगस्टर मामले में अब 13 मई को सुनवाई होगी और इसके साथ ही अफजाल अंसारी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. क्योंकि अफजाल अंसारी गाजीपुर से सपा प्रत्याशी हैं और गाजीपुर में 7 मई से ही नामांकन की प्रकिया शुरू होने वाली है. 14 मई को नामांकन की अंतिम तारीख है और 15 मई को नाम वापसी है. ऐसे में ज्यादा संभावना इसी बात की है कि अफजाल अपनी बेटी नुसरत अंसारी को चुनाव में उतारें जिसकी फील्डिंग वो पिछले एक सप्ताह से सजा रहे हैं. 14 मई तक अफजाल के मामले में फैसला आने की उम्मीद अब बेहद कम समय है और ऐसे में यदि वो चुनाव लड़ते हैं और जीत जाते हैं तब भी उनके ऊपर फैसले की तलवार लटकती रहेगी. यदि हाइकोर्ट सजा को बरकरार रखता है तो उनकी संसद सदस्यता रद्द हो जाएगी. इन परिस्थितियों में अफजाल के पास बेहतर विकल्प अपनी बेटी को चुनाव लड़ाना ही है.
कौन है नुसरत अंसारी
नुसरत अंसारी मुख्तार अंसारी की भतीजी और अफजाल अंसारी की बड़ी बेटी हैं. नुसरत ने लखनऊ से प्रारम्भिक शिक्षा ली है और दिल्ली के लेडी श्रीराम कालेज से स्नातक किया है. इसके साथ ही टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज सुल्जापुर से रूरल डेवलोपमेन्ट विषय में पीजी किया है. नुसरत गोल्ड मेडलिस्ट रही हैं और सबसे कम उम्र की दास्तानगो भी है. दास्तानगोई किस्सा कहानी कहने की एक पुरानी विधा है और एक हजार साल पहले अरबी नायक अमीर हम्जा के काल में ये विधा सबसे ज्यादा प्रचलन में थी. मुगल काल में भी ये कला प्रचलन में थी, अफजाल अंसारी ने खुद इस बात को मीडिया को बताया था और इस बात की जानकारी दी थी कि नुसरत दिल्ली के सभी प्रतिष्ठित थियेटर में दास्तानगो के रूप में अपनी प्रतिभा दिखा चुकी हैं.
क्या है अफजाल अंसारी का मामला
अफजाल अंसारी 2019 में बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर गाजीपुर से सांसद चुने गए थे. 2019 में सपा और बसपा का गठबंधन था और अफजाल अंसारी ने बीजेपी उम्मीदवार मनोज सिन्हा को करीब 1 लाख 20 हजार मतों से शिकस्त दी थी. लेकिन अफजाल अंसारी के साथ मुख्तार अंसारी का नाम जुड़ा था जो कि अफजाल का छोटा भाई था. कृष्णानन्द राय हत्याकांड मामले में अफजाल अंसारी मुख्तार अंसारी के साथ गैंगेस्टर मामले में आरोपी थे और 29 अप्रैल 2023 को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट से अफजाल को 4 साल की सजा सुनाई गई थी. जबकि मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा हुई थी, मुख्तार के ऊपर कुछ अन्य मामले भी थे.
एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश ने सजा सुनाते हुए अफजाल को मुंशी प्रेमचंद की कहानी बड़े भाई का उदाहरण देते हुए कहा था कि आपने बड़े भाई की भूमिका नहीं निभाई जिसकी वजह से आपका छोटा भाई अपराध की दुनिया में गया. इस सजा के बाद अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता रद्द हो गयी थी. अफजाल इस फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाइकोर्ट गए और हाइकोर्ट से उनको जमानत तो मिल गई पर सजा से राहत नहीं मिली. इसके बाद अफजाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की और सुप्रीम कोर्ट ने उनकी संसद सदस्यता बहाल कर दी और इलाहाबाद हाइकोर्ट को 30 जून तक इस पूरे मामले को निस्तारित करने का आदेश दिया. इसी मामले में आज इलाहाबाद हाइकोर्ट में सुनवाई होनी थी पर अब 13 मई को सुनवाई होगी. उत्तर-प्रदेश सरकार ने भी हाइकोर्ट में अफजाल की सजा बढ़ाने की याचिका दायर की है. इन दोनों मामलों को क्लब करके अब 13 मई को हाइकोर्ट में सुनवाई होनी है.
बीजेपी ने पारसनाथ राय को बनाया है प्रत्याशी
अब गाजीपुर के राजनीतिक परिदृश्य की बात करें तो सपा से अफजाल की बेटी नुसरत के चुनाव लड़ने की संभावना ज्यादा है. बीजेपी से पारसनाथ राय प्रत्याशी हैं जो लगातार अंसारी परिवार पर हमलावर हैं. वहीं बसपा ने उमेश सिंह को मैदान में उतारा है जो छात्र राजनीति से राजनीति में आए हैं.
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