Lok Sabha Election 2024: समाजवादी पार्टी इस समय बीजेपी (BJP) की पिच पर खेलते हुए सॉफ्ट हिंदुत्व (Soft Hindutva) की राह पर बढ़ती दिख रही है. 2024 के चुनाव को लेकर सपा प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम करने जा रही है, लेकिन जितनी चर्चा इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों की है उससे कहीं ज्यादा चर्चा उस जगह की है जहां से इसका आगाज होगा. फिलहाल पार्टी ने अपने दो प्रशिक्षण शिविर की तारीख तय कर ली है. पहला प्रशिक्षण शिविर 5 और 6 जून को लखीमपुर (Lakhimpur) के गोला गोकर्णनाथ में होगा, जिसे छोटी काशी भी कहा जाता है, तो वहीं दूसरा प्रशिक्षण शिविर 33 करोड़ देवताओं की स्थली और 88,000 ऋषियों की तपोभूमि कहे जाने वाले सीतापुर (Sitapur) के नैमिषारण्य है.
इससे पहले कोलकाता में हुई सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जब अखिलेश यादव गए थे तब भी वहां कई देवी-देवताओं के मंदिर में दर्शन पूजन किया था. इन दोनों प्रशिक्षण शिविर में खुद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी शामिल होंगे. गोला गोकर्णनाथ के प्रशिक्षण शिविर के दौरान अखिलेश पहले यहां के प्रसिद्ध शिव मंदिर में पूजन अर्चन करेंगे तो वही सीतापुर के नैमिषारण्य में होने वाले प्रशिक्षण शिविर से पहले सपा अध्यक्ष वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन पूजन करेंगे और ललिता देवी मंदिर जाकर देवी देवताओं से आशीर्वाद भी लेंगे.
सियासी गलियारों में चर्चा है कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी भी समझ चुकी है कि सिर्फ एमवाई फैक्टर या कुछ खास जातियों के समीकरण को लेकर पार्टी के हालात बदलना मुश्किल है. अगर पार्टी संगठन को मजबूत कर 2024 में अपना जनाधार बढ़ाना है तो उसके लिए सभी को साथ लेकर चलना पड़ेगा.
सॉफ्ट हिन्दुत्व की राह पर सपा
भाजपा नेता हमेशा ही राष्ट्रवाद और हिंदुत्व की बात करते नजर आते है. अयोध्या, काशी समेत अन्य तीर्थ स्थलों के विकास की बात करते है. 2014, 2017, 2019 और 2022 के लोकसभा व विधानसभा चुनाव के नतीजे हों या हाल ही में हुए निकाय चुनाव. भाजपा का प्रदर्शन किसी से छुपा नही है. पिछले कुछ समय से विपक्षी दल भी भाजपा की राह पर चलने की कोशिश करते नज़र आ रहे हैं. 2019 लोकसभा चुनाव हो या 2022 का विधानसभा चुनाव, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी गले में रुद्राक्ष की माला पहने दिखाई दिए और सपा सपा भी देवी-देवताओं की शरण में दिख रही है.
सपा नेता ने दिया ये तर्क
सपा के सॉफ्ट हिंदुत्व को लेकर सपा प्रवक्ता व पूर्व एमएलसी उदयवीर सिंह ने कहा कि पिछली बार विधानसभा चुनाव से पहले प्रशिक्षण शिविर हुआ था तो चित्रकूट में हुआ और अखिलेश यादव ने परिक्रमा की तो फिर यही सॉफ्ट हिंदुत्व की बात हुई. नेता जब किसी जिले में जाते हैं तो वहां की जो पौराणिक, ऐतिहासिक, राजनीतिक, सामाजिक रूप से जो महत्वपूर्ण स्थान होते वहां जाते हैं, लोगों से मिलते हैं. अगर धार्मिक होता तो उसके हिसाब से और ऐतिहासिक होते तो उसके हिसाब से अपनी भावनाओं, जिम्मेदारियों को पूरा करते हैं. अगर ऐसी जगह कार्यक्रम हो रहा तो काम अच्छा माना जाता है, सात्विक माना जाता, तो उसमें क्या बुराई है.
समाजवादी पार्टी सेक्युलर पार्टी है, सभी धर्मों का सम्मान करती है. सभी धर्मों के लोग हमारे पार्टी में है, उनकी भावनाओं के हिसाब से हर जगह जाएंगे. जहां से वह नेता चाहते हैं वहां जाते हैं. अयोध्या, काशी पहले भी हमारे नेता जाते रहे हैं. जहां तक बात भाजपा के आरोपों और बयानबाजी की है तो जो काम नहीं करता वह कुछ तो करेगा, वरना सरकार में रहने वालों को अपना काम बताना चाहिए.
समाजवादी पार्टी के लखीमपुर के गोला गोकर्णनाथ और सीतापुर के नैमिषारण्य में प्रशिक्षण शिविर के आयोजन पर भाजपा एमएलसी व प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक ने कहा जब राजनीतिक रूप से निर्णय लिए जाते हैं तो उसी दृष्टि से देखे जाएंगे. भाजपा स्वाभाविक रूप से जो हमारे हिंदू तीर्थ स्थल हैं हम उनका सम्मान करते हैं और जाते हैं. उनकी क्या धारणा रही है सब जानते हैं. राजनीतिक रूप से उनको कार्यक्रम कहां करना ही उनका विषय है वह तय करें.
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