2024 लोकसभा चुनाव में पूर्वांचल में राजभर कैसे बिगाड़ेगे सपा का खेल, जानिए पूरा सियासी समीकरण
Lok Sabha Election: एनडीए गठबंधन में शामिल होने के बाद ओम प्रकाश राजभर ने पहली प्रतिक्रिया दी. उन्होंने समाजवादी पार्टी का नाम लिए बिना कहा कि उधर से गठबंधन का जवाब नहीं मिला.
Lok Sabha Election 2024: बहुत दिनों से चली आ रही बीजेपी खेमे में जाने की अटकलों को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) प्रमुख ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने विराम लगा दिया है. ओम प्रकाश राजभर रविवार (16 जुलाई) को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा बन गए. मिशन-80 का लक्ष्य पाने में सुभासपा की भूमिका का अध्ययन करने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ओम प्रकाश राजभर को एनडीए का हिस्सा बनाया. अमित शाह के साथ हुई मुलाकात में बेटे अरविंद राजभर भी शामिल थे.
एनडीए गठबंधन में गए ओम प्रकाश राजभर
एनडीए गठबंधन में शामिल होने के बाद ओम प्रकाश राजभर ने पहली प्रतिक्रिया दी. उन्होंने समाजवादी पार्टी का नाम लिए बिना कहा कि उधर से गठबंधन का जवाब नहीं मिला. विश्लेषकों का कहना है बीजेपी खेमे में जाने से सपा को पूर्वांचल की सीटों पर नुकसान हो सकता है. पूर्वांचल के किले में सुभासपा मजबूत कड़ी मानी जाती है. बीजेपी ने मजबूत कड़ी को पाले में कर लिया है. बता दें कि पूर्वांचल की सियासत जाति के इर्द-गिर्द घूमती है.
राजभर जाति का प्रभाव वाराणसी, भदोही, बलिया, जौनपुर, घोसी, लालगंज, गाजीपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, इलाहाबाद, चंदौली, फैजाबाद, बस्ती, गोरखपुर, मछलीशहर, लालगंज में है. पूर्वांचल की 16 सीटों पर बीजेपी ने सियासी नफा-नुकसान देखकर ओम प्रकाश राजभर को एडीए में शामिल कराने का फैसला किया. ओम प्रकाश के छिटकने से समावजादी पार्टी का पूर्वांचल में खेल बिगड़ सकता है. 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर सुभासपा ने चुनाव लड़ा.
ऐसे सपा के लिए खड़ी कर सकते हैं मुश्किल
18 सीटों पर प्रत्याशी उतारने के बावजूद सुभासपा ने छह सीटों पर जीत दर्ज की. हालांकि पूर्वांचल की 100 से अधिक विधानसभा सीटों पर सुभासपा का असर बरकरार रहा. राजभर के प्रभाव वाले क्षेत्र आजमगढ़ और गाजीपुर में बीजेपी खाता खोलने में नाकाम रही. मऊ जिले में बड़ी मुश्किल से एक विधानसभा सीट पर बीजेपी को सफलता मिली. तीन विधानसभा सीट पर सपा-सुभासपा गठबंधन को जीत मिली.
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जौनपुर में सपा-सुभासपा गठबंधन ने पांच और बलिया जिले में तीन विधानसभा सीटों पर जीत का स्वाद चखा. पूर्वांचल की जौनपुर, घोसी, लालगंज, गाजीपुर, अम्बेडकरनगर, सलेमपुर, आजमगढ़, बलिया की सीटों को बीजेपी हमेशा मुश्किल मानती है. राजभर समाज के मतदाता घोसी, गाजीपुर, लालगंज और सलेमपुर में सियासी गणित बिगाड़ सकते हैं. पूर्वांचल में 21 जिले और 26 लोकसभा सीटें आती हैं.
पिछले लोकसभा चुनाव में पूर्वांचल की गाजीपुर, घोसी और जौनपुर सीट पर बीजेपी को हार मिली थी. तीनों सीटों पर सपा-बसपा गठबंधन ने जीत का परचम लहराया था. विपक्ष के खाते में गई सीटों पर अब बीजेपी की नजर है. सुभासपा के साथ आने से बीजेपी की जीत की राह आसान मानी जा रही है.