UP News: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को विपक्षी दलों के 'इंडिया’ गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर कहा कि सूर्य के उत्तरायण में आते ही सभी फैसले हो जायेंगे. सपा प्रमुख शनिवार को जिले के बिसुकिया गांव में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.
इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (‘इंडिया’ गठबंधन) में सीट बंटवारे सहित अन्य फैसलों को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘‘सपा अन्य दलों को साथ लेकर बहुत जल्द फैसला ले लेगी. सूर्य को उत्तरायण में आने दो. सूर्य के उत्तरायण में आते ही सभी फैसले हो जायेंगे.’’
गौरतलब है कि मकर संक्रांति (14 जनवरी) से सूर्य उत्तरायण होते हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि ''‘इंडिया’ गठबंधन में सपा पूरी जिम्मेदारी के साथ है. गठबंधन में किसको क्या जिम्मेदारी दी जाएगी, बहुत जल्द जानकारी दे दी जाएगी.’’
यादव ने दावा किया, ‘‘एक बात तो साफ है कि उत्तर प्रदेश ही नहीं, देश की जनता भाजपा(भारतीय जनता पार्टी) को हटाना चाहती है.’’ उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘प्रधानों के बजट का पैसा काटकर विकसित भारत का सपना पूरा नहीं कर सकते हैं.’’
राम मंदिर को लेकर चुनावी लाभ उठाने की चर्चा पर उन्होंने कहा, ‘‘धर्म, राजनीति का हिस्सा नहीं हो सकता. भाजपा को (किसानों की) आय दोगुनी हुई कि नहीं, युवाओं को रोजगार मिला कि नहीं, इन सवालों का जवाब देना पड़ेगा.’’ सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘चूंकि भाजपा के पास इन सवालों का जवाब नहीं है, इसलिए वह धर्म के पीछे छिप जाती है.’’
राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के लोग कह रहे हैं कि जिसके पास निमंत्रण पत्र होगा, वही जायेगा. हमारा पक्ष ये है कि भगवान जब बुलाएंगे तो भाजपा भी नहीं रोक पाएगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मन करे देखने (दर्शन करने) को तो क्या हमें कोई रोक पायेगा. भाजपा कैसे तय कर सकती है कि किसको बुलाना है और किसको नहीं बुलाना है. इसका मतलब भगवान श्री राम की तरफ से नहीं बुलावा है, यह भाजपा की तरफ से बुलावा है.’’
प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के सवाल के जवाब में यादव ने कहा कि ‘‘कभी कभी कम (सीटों) वाले भी प्रधानमंत्री बनते हैं. पर, हमारे लिए मुख्य यह है कि भाजपा हारे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘सवाल यह नहीं है कि कौन किस पद पर बैठेगा. आप बलिया के हैं, यहां के (चंद्रशेखर) प्रधानमंत्री रहे हैं. आप इन बातों को समझते हो और परिस्थितियों को भी सब समझते हो. कभी कभी कम वाले भी प्रधानमंत्री बनते हैं.’’ चंद्रशेखर 1990 में अपनी पार्टी के कम सांसदों के बावजूद कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री बने थे.