(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Lok Sabha Election 2024 से पहले पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को मिली बड़ी जिम्मेदारी, जानें- क्या है प्लान?
Lok Sabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को बड़ी जिम्मेदारी दी है. 2 जून से रावत अपने इस काम में जुट भी जाएंगे, जिसके लिए तैयारी शुरू हो गई है.
Loksabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी तैयारियां और तेज कर दी हैं. पीएम मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर बीजेपी प्रदेश भर में महा जनसंपर्क अभियान चलाएगी, जिसके तहत हर मतदाता से संपर्क किया जाएगा और केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी. जिसे लेकर अब पार्टी ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. जिसे लेकर उत्तराखंड (Uttarakhand) के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है.
मिशन 2024 के लिए बीजेपी का फोकस देश की सबसे ज्यादा लोकसभा सीट वाले राज्य यूपी पर टिकी हुई हैं. बीजेपी ने यहां की सभी 80 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है, यही वजह है पार्टी अब किसी कमी नहीं छोड़ना चाहती है. ऐसे में बीजेपी के महासंपर्क अभियान के लिए तमाम बड़े नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है. त्रिवेंद्र सिंह रावत को यूपी की पांच लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी सौंपी दी गई है. उन्हें महाजनसंपर्क अभियान के लिए पांच लोकसभा सीटों का प्रभारी बनाया गया है. रावत 2 जून को देहरादून से रवाना होंगे और आजमगढ़ लोकसभा सीट से महाजनसंपर्क अभियान का आगाज करेंगे.
लोकसभा चुनाव से पहले मिली बड़ी जिम्मेदारी
इससे पहले मंगलवार को ही त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी, जिसके बाद उन्होंने ये बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. बीजेपी का ये महाजनसंपर्क अभियान एक महीने यानी 30 जून तक चलेगा. इस अभियान के लिए बीजेपी ने अपने प्रमुख नेताओं और वरिष्ठ नेताओं की जिम्मेदारी तय की है. त्रिवेंद्र सिंह रावत को यूपी की पांच लोकसभा सीटों आजमगढ़, बलिया, बांसगांव, सलेमपुर और देवरिया की जिम्मेदारी दी गई है. दो जून को रावत हवाई मार्ग से बनारस पहुंचेगे और फिर सड़कमार्ग से होते हुए आजमगढ़ पहुंचेंगे और जनसंपर्क अभियान की शुरुआत करेंगे.
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वर्तमान समय में इन पांचों लोकसभा सीटों पर बीजेपी का ही कब्जा है. हालांकि 2019 में आजमगढ़ सीट सपा के अखिलेश यादव ने जीती थी, लेकिन उपचुनाव में बीजेपी ने फिर से सपा यह सीट छीन ली थी. संगठनात्मक तौर पर यहां बीजेपी की स्थिति काफी मजबूत है, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए फिर से पार्टी कार्यकर्ताओं को और ताकत देने के लिए और अधिक कार्य करने की जरूरत है ताकि बीजेपी अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में और अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल कर सके.