UP Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के बीच समाजवादी पार्टी का एक दल से गठबंधन टूट गया. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खुद अपना दल कमेरावादी से गठबंधन तोड़ने का एलान कर दिया. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कृष्णा पटेल और पल्लवी पटेल को लेकर सवाल पूछा गया तो सपा अध्यक्ष ने साफ कहा, वो गठबंधन सिर्फ 2022 तक था..2024 में उनके साथ गठबंधन नहीं है.


जिसके बाद अब एक बार फिर गठबंधन को लेकर सपा अध्यक्ष के तौर तरीकों को लेकर सवाल उठ रहे हैं. अखिलेश यादव ने जब से सपा की कमान संभाली है तब से कई छोटे से लेकर बड़े दलों के साथ गठबंधन कर चुके हैं. हर चुनाव में वो नए प्रयोग करते दिखे, लेकिन उनका गठबंधन सफल नहीं हो सका और कुछ समय बाद ही गठबंधन में टूट गया. 


हर बार टूटा सपा का गठबंधन
अखिलेश यादव ने साल 2017 में मुख्यमंत्री रहते हुए कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन किया था. इस दौरान विधानसभा चुनाव में यूपी के दो लड़के का चुनावी नारा भी खूब सुनाई दिया. लेकिन जनता ने उनके गठबंधन को नकार दिया और बीजेपी की सरकार बनी. चुनाव के बाद कांग्रेस और सपा के रास्ते अलग हो गए. 


साल 2019 में अखिलेश यादव ने सालों पुरानी दुश्मनी को भुलाकर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के साथ गठबंधन किया. इसे अब तक का सबसे मजबूत गठबंधन माना गया, लगा कि इस बार यूपी में कुछ बदलाव होगा. लेकिन, जब नतीजे आए तो मुंह की खानी पड़ी. इस चुनाव में बसपा  की सीटे 0 से 10 तक पहुंच गई लेकिन, सपा के खाते में सिर्फ 5 सीटें ही आईं. चुनाव के बाद बसपा ने भी गठबंधन तोड़ दिया.


2022 के चुनाव में अखिलेश यादव ने फिर कई छोटे दलों सुभासपा, आरएलडी, अपना दल कमेरावादी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा. इस चुनाव में सपा की सीटों में इज़ाफा भी हुआ लेकिन, पार्टी को सत्ता का सुख नहीं मिला है. विधानसभा चुनाव के बाद ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा के साथ सपा का गठबंधन टूट गया. 


इस बार 2024 में समाजवादी पार्टी पीडीए के नारे के साथ चुनाव मैदान में उतरी है लेकिन इस बार चुनाव से पहले की सपा को तगड़ा झटका लगा, पहले जयंत चौधरी की रालोद गठबंधन तोड़कर एनडीए में शामिल हो गई और अपना दल कमेरावादी के साथ भी गठबंधन टूट गया है. अब यूपी में सपा और कांग्रेस ही दो बड़े दल मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. 


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