Lok Sabha Election 2024 UP: लोकसभा चुनाव के लिए अब सौ दिन से भी कम समय बचा है. ऐसे में इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर मंथन तेज़ हो गया है. बुधवार को सपा और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर बैठक भी हुई. यूपी में लोकसभा चुनाव की लड़ाई बेहद अहम है, लेकिन मायावती के इनकार के बाद विपक्ष की मुसीबतें बढ़ गई हैं. कहा जा रहा है कि कांग्रेस के साथ अखिलेश यादव भी मायावती को साथ लाना चाहते हैं. इंडिया टीवी को दिए इंटरव्यू में सपा अध्यक्ष ने बसपा और 24 के चुनाव को लेकर खुलकर अपनी बात रखी.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि लोकसभा चुनाव को अब सौ से भी कम दिन का समय बचा है. जल्द ही सीटों का बंटवारा हो जाएगा और हम अपनी पूरी ताक़त के साथ बीजेपी का मुक़ाबला करेंगे.
बसपा को गठबंधन में चाहते हैं अखिलेश?
सपा अध्यक्ष से जब ये सवाल किया गया है कि क्या आप चाहते थे कि बसपा सुप्रीमो मायावती भी इंडिया गठबंधन में शामिल हों तो उन्होंने कहा कि 2019 में सपा का प्रयास था कि बसपा नेता मायावती प्रधानमंत्री बनें, उसे सोचकर ही गठबंधन बनाया था, कभी-कभी कुछ चीजें भाग्य पर होती है, कभी-कभी भाग्य साथ नहीं देता. उन्होंने कहा कि 2019 में पूरा देश जानता था कि ये गठबंधन इसलिए हुआ कि वो देश की सबसे बड़ी कुर्सी पर बैठें, सपा ने उनका पूरा साथ दिया, पूरी मदद की. जो जीरो पर थी उन्हें दस सीटों पर जीत हासिल हुई.
सपा अध्यक्ष ने कहा कि वो दस सीटें जीत गईं और हम पाँच पर रह गए. इसलिए गठबंधन का किसको कितना फ़ायदा मिला ये सब जानते हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें सिर्फ एक सीट पर जीत मिली है और वो विधायक भी अपने दम पर चुनाव जीता है.
गिरगिट के सवाल पर कही ये बात
मायावती ने अखिलेश यादव को गिरगिट कहकर बुलाया था, जिस पर सपा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने हमें गिरगिट नहीं कहा, उन्हें कहा, जो हर रोज़ परिधान बदलते हैं.. बार बार कपड़े बदलते रहते हैं. हम तो कभी नहीं बदलते, एक जैसे ही कपड़े पहनते हैं. सपा ने कभी उनके ख़िलाफ़ कोई बयान नहीं दिया. हमारी पार्टी यही फैसला था कि किसी भी राजनीतिक दल के लीडर के खिलाफ हमारी भाषा गलत नहीं होगी.
बसपा सुप्रीमो ने अपने दफ़्तर के सामने फ्लाईओवर को लेकर भी साज़िश का आरोप लगाया था, जिस पर अखिलेश यादव ने कहा कि "पुल को लेकर उन्होंने जो शिकायत की है वो सही है. उन्होंने पहले भी इस बात को कहा था. उस समय उन्हें जिस भी सेफ़्टी की ज़रूरत थी, हर वो कदम सपा सरकार द्वारा उठाए गए थे. वो पुल बनना ज़रूरी था, क्योंकि उस समय वहां बहुत जाम लगता था, वो रिकॉर्ड टाइम में बना था. उसमें डिफ़ेंस का भी एनओसी मिला था.