(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP Politics: कांग्रेस को अब भी उम्मीद यूपी में साथ आएंगी मायावती, BSP के INDIA में आने पर किया बड़ा दावा
UP Lok Sabha Election 2024: BSP के स्पष्ट इनकार के बाद अब भी कांग्रेस को उम्मीद है कि यूपी में बसपा साथ आ सकती है. वहीं सपा प्रमुख के भी सुर नरम हैं.
UP Lok Sabha Chunav 2024: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को अभी उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश में उसे बहुजन समाज पार्टी का साथ मिलेगा और वह भारतीय राष्ट्रीय विकासशील समावेशी गठबंधन यानी इंडिया अलायंस के परचम तले साथ चुनाव लड़ेंगे. यूपी में कांग्रेस के नेता और पार्टी की गठबंधन संबंधी समिति के सदस्य सलमान खुर्शीद ने बसपा के साथ आने पर प्रतिक्रिया दी है.
अंग्रेजी अखबार इकॉनमिक टाइम्स के अनुसार खुर्शीद ने बसपा के इंडिया अलायंस में आने के सवाल पर कहा कि शीर्ष नेतृत्व इस मामले को देख रहा है. उन्होंने कहा कि जब भारत जोड़ो न्याय यात्रा यूपी में प्रवेश करेगी उससे पहले गठबंधन की तस्वीर साफ हो जाएगी.
इसी महीने 15 जनवरी को एक प्रेस वार्ता में बसपा चीफ मायावती ने स्पष्ट कर दिया था कि वह किसी अलायंस में शामिल नहीं होंगी. उन्होंने अकेले चुनाव लड़ने का एलान किया था. हालांकि कांग्रेस चाहती है कि यूपी में बसपा साथ आए ताकि दलित और मुस्लिम वोट बैंक,इंडिया से बाहर न जाए.
अखिलेश ने कही ये बात
जन्मदिन के मौके पर प्रेस वार्ता में मायावती ने कहा था कि गठबंधन में चुनाव लड़ने से बसपा को नुक़सान होता है. देश की अधिकांश पार्टियां बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती हैं. उन्होंने कहा था कि हमारी पार्टी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी. हम किसी गठबंधन में नहीं जाएंगे. साल 2007 की तरह हमारी पार्टी लोकसभा में भी बेहतर परिणाम देगी. हमारी पार्टी का सर्वोच्च नेतृत्व एक दलित के हाथ में है. गठबंधन करने पर हमारा वोट तो उन्हें मिल जाता है. मगर उनका वोट ख़ासकर सवर्ण वोट हमें नहीं मिलता है.
इससे पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से जब ये सवाल किया गया है कि क्या आप चाहते थे कि बसपा सुप्रीमो मायावती भी इंडिया गठबंधन में शामिल हों तो उन्होंने कहा कि 2019 में सपा का प्रयास था कि बसपा नेता मायावती प्रधानमंत्री बनें, उसे सोचकर ही गठबंधन बनाया था, कभी-कभी कुछ चीजें भाग्य पर होती है, कभी-कभी भाग्य साथ नहीं देता. उन्होंने कहा कि 2019 में पूरा देश जानता था कि ये गठबंधन इसलिए हुआ कि वो देश की सबसे बड़ी कुर्सी पर बैठें, सपा ने उनका पूरा साथ दिया, पूरी मदद की. जो जीरो पर थी उन्हें दस सीटों पर जीत हासिल हुई.