UP Politics: मुस्लिम मतदाताओं को मनाने के लिए अखिलेश यादव ने चला बड़ा दांव, एक तीर से लगाए कई निशाने
Guddu Jamali News: यूपी के आजमगढ़ से मुस्लिम नेता गुड्डू जमाली ने बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली है. उनके आने से अखिलेश यादव ने एक तीर से कई निशाने लगा दिए हैं.
Guddu Jamali Join Samajwadi Party: यूपी के आजमगढ़ से बसपा नेता शाह आलम उर्फ़ गुड्डू जमाली आज समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं, जिसके बाद यूपी की सियासत तेज हो गई है. गुड्डू जमाली आज़मगढ़ के बड़े मुस्लिम नेता माने जाते हैं. उनके आने से सपा एक बार फिर से आजमगढ़ में मजबूत होती दिख रही हैं. 2022 के उपचुनाव में सपा की हार के पीछे गुड्डू जमाली ही बड़ी वजह थे. उनके आने से इस सीट पर लड़ाई त्रिशंकु हो गई थी जिसके चलते यहां बीजेपी से दिनेश लाल यादव निरहुआ जीत गए.
आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के आंकड़े की बात करें तो बीजेपी के दिनेश लाल यादव निरहुआ को 312768 मिले जबकि सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव को 304089 वोट और गुड्डू जमाली को 266210 वोट मिले. कहा जाता है कि अगर गुड्डू जमाली चुनाव नहीं लड़ते तो समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट का रास्ता साफ हो जाता. लेकिन, जिस गुड्डू जमाली की वजह से सपा के धर्मेंद्र यादव को उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा अब वो सपा में ही शामिल हो गए हैं.
यूपी के सबसे अमीर नेताओं में शामिल
2012 में मायावती ने पहली बार बसपा से टिकट दिया और यह मुबारकपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने 2017 में फिर मायावती ने टिकट दिया और यह मुबारकपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने लेकिन, इसी बीच मायावती से कुछ अनबन होने की वजह से शाह आलम ने बसपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और समाजवादी पार्टी ज्वाइन की. उन्हें उम्मीद थी कि 2022 विधानसभा चुनाव में सपा उन्हें मुबारकपुर सीट से अपना प्रत्याशी बनाएगी लेकिन, ऐसा नहीं हुआ.
सपा को मिलेगी मज़बूती
समाजवादी पार्टी ने पुराने नेता अखिलेश यादव को प्रत्याशी बना दिया जिससे नाराज होकर शाह आलम ने असदुद्दीन ओवैसी AIMIM ज्वाइन कर ली. हालांकि चुनाव हार गए. इसके बाद 2022 में ही हुए लोकसभा उपचुनाव में बसपा ने उन्हें टिकट दिया और वो तीसरे नंबर पर रहे. इस सीट पर बीजेपी की जीत हुई और सपा को हार का सामना करना पड़ा, जिसकी वजह गुड्डू जमाली बने. उन्होंने सपा के मुस्लिम वोटरों में ज़बरदस्त सेंध लगाई.
2024 में भी वो बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में थे लेकिन बदले सियासी समीकरण कर चलते वो एक बार फिर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं. माना जा रहा है कि बसपा उन्हें विधान परिषद में भेज सकती है. उनके पार्टी में आने से आजमगढ़ और लालगंज सीट पर पार्टी को मजबूती मिलेगी.