Muzaffarnagar Lok Sabha Seat:समाजवादी पार्टी ने लोकसभा के जिन 11 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है, उनमें पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर से हरेंद्र मलिक के नाम पर मुहर लगा दी है. हालांकि तस्वीर पहले ही लगभग साफ हो चुकी थी कि हरेंद्र मलिक ही मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से चुनाव लडेंगे और आज अखिलेश यादव ने घोषणा भी कर दी. सबसे बड़ी बात ये रही कि मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर जो सपा से टिकट की रेस शुरू हुई उसमे कभी कोई दूसरा नाम आया ही नहीं और हरेंद्र मलिक टिकट की रेस जीतने में कामयाब भी हो गए.
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से हरेंद्र मलिक अब सपा प्रत्याशी घोषित हो गए हैं.उनका कहना है बीजेपी से त्रस्त लोगों को एकजुट करूंगा, और बीजेपी को घेरूंगा. धरातल की हकीकत अलग है और बीजेपी का विरोध बहुत है.हमेशा ही जानता के बीच रहा हूं इसलिए चुनाव में कोई दिक्कत नहीं है. जनता हमारे साथ हैं.
'मंत्री संजीव बालियान चुनाव लड़े या बीजेपी से कोई और'
सपा प्रत्याशी हरेंद्र मलिक का कहना है मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से चुनाव मंत्री संजीव बालियान लड़े या कोई और कोई दिक्कत नहीं है.हम हर मुकाबले के लिए तैयार हैं.750 किसानों की शहादत, हाथरस पिटाई प्रकरण, किसानों की दिक्कतें, नौजवानों की परेशानियां, किसानों की जमीनों को लेकर रचे जा रहे कुचक्र, किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह का 12 तुगलगाबाद रोड से बाहर सामान फेकना जैसे बड़े मुद्दे हैं.जनता के बीच जाएंगे और बीजेपी को घेरेंगे.
'हमारा चुनाव जयंत चौधरी से नहीं है'
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी हरेंद्र मलिक से जब सवाल किया गया कि जयंत चौधरी गठबंधन से अलग होकर बीजेपी के साथ चले गए हैं कितना नुकसान होगा, तो बोले हमारा चुनाव जयंत चौधरी से नहीं है, बीजेपी प्रत्याशी से होगा, ना जयंत चौधरी हमारे सामने चुनाव लड़ रहें हैं, हमारी उनसे कोई दुश्मनी थोड़ी है, हमारा चुनाव बीजेपी से होगा और हम जीतेंगे.
शुरू से ही रेस में सबसे आगे रहे रहे हरेंद्र मलिक
पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से टिकट की रेस में शुरू से ही सबसे आगे रहे.जब सपा और आरएलडी साथ थे तब भी गठबंधन से हरेंद्र मलिक का नाम ही फाइनल था.राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा आम थी कि हरेंद्र मलिक के टिकट को लेकर अखिलेश और जयंत में टेंशन है.सपा हरेंद्र मलिक को चुनाव लड़ाना चाहती है और आरएलडी अपने किसी प्रत्याशी को.आरएलडी को जो 7 सीट गठबंधन में दी गई थी उसमे मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर आरएलडी के सिंबल पर ही हरेंद्र मलिक को चुनाव लड़ने की चर्चा थी,गठबंधन टूटा लेकिन हरेंद्र मलिक टिकट की रेस में आगे ही रहे और रेस जीत भी गए.चार दिन पहले लखनऊ में हुई अखिलेश यादव की बैठक में भी उन्हें कह दिया गया था कि जाइए आप ही चुनाव लडेंगे और आज अखिलेश ने उनके नाम पर फाइनल मुहर लगा दी. (सनुज शर्मा की रिपोर्ट)