UP Lok Sabha Election 2024: यूपी में पुराने समीकरण को कैसे दुरुस्त करेगी BJP! इन 3 नेताओं का कौन करेगा मुकाबला? गढ़ में बढ़ेगी चुनौती
Lok Sabha Election 2024 के लिए वाराणसी और गोरखपुर क्षेत्र में बीजेपी के लिए राह आसान नहीं होगी. कांग्रेस, सपा और बसपा की रणनीतियों का मुकाबला करना आसान नहीं होगा.
UP Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव में अब तीन से चार महीने का वक्त रह गया है. ऐसे में राजनीतिक दल और उनके नेता अपनी रणनीतियों को दुरुस्त करने में लगे हैं. लोकसभा के लिहाज से देश में सबसे ज्यादा सीटें उत्तर प्रदेश में हैं. सभी राजनीतिक दलों की कोशिश है कि वह 80 सीटों में बड़ा हिस्सा जीतने में सफल हो जाएं ताकि केंद्र की राजनीति में उनका दबदबा बना रहे.
इन सबके बीच भारतीय जनता पार्टी के लिए साल 2019 के आम चुनाव के समीकरणों को दुरुस्त करने की बारी आ गई है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी में पूर्वांचल के काशी क्षेत्र की 14 में से 12 और गोरखपुर क्षेत्र की 13 में से 10 सीटों पर जीत हासिल की थी.
इस प्रचंड जीत के पीछे एक प्रमुख जहां पीएम मोदी का चेहरा माना जा रहा था तो वहीं यह भी कहा जा रहा था कि साल 2017 के बाद राज्य में आई योगी सरकार ने केंद्र की नीतियों को यूपी में प्राथमिकता से लागू किया जिससे एक लाभार्थी वर्ग बना जिसे पार्टी ने वोट बैंक में तब्दील किया. हालांकि इस बार बीजेपी के लिए राह आसान नहीं है.
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शिवपाल इन दिनों पूर्वांचल में ही
दरअसल, 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अपने गढ़ में तीन बड़े नेताओं का मुकाबला करना पड़ेगा. आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक शिवपाल सिंह यादव के चुनाव लड़ने की चर्चा है. शिवपाल इन दिनों पूर्वांचल में ही डेरा जमाकर बैठे हुए हैं.
इसके अलावा सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव वाराणसी का दौरा कर पूर्वांचल में पार्टी की पेंच टाइट करने की कोशिश में लगे हैं. दूसरी ओर यूपी कांग्रेस के मौजूदा चीफ अजय राय एक ओर जहां वाराणसी से ताल ठोंक रहे हैं तो वहीं पूर्वांचल में भी उनका असर माना जाता रहा है.
बसपा का भी जोर पूर्वांचल में
साथ ही बहुजन समाज पार्टी भी पूर्वांचल में जोर लगा रही है. आकाश आनंद अन्य राज्यों की जिम्मेदारी सौंपने के बाद बसपा चीफ मायावती ने यूपी पर पूरा फोकस लगा दिया है. पूर्वांचल में बसपा ने जौनपुर और घोसी की सीटें जीती थीं. बसपा की कोशिश है कि वह एक ओर जहां इन सीटों पर दोबारा जीत हासिल करे वहीं अन्य सीटों पर भी दमखम के साथ विपक्षी दलों का सामना करे. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी, कांग्रेस, सपा और बसपा की रणनीतियों का मुकाबला करने हुए अपने पेंच कैसे दुरुस्त करेगी.