UP Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में I.N.D.I.A गठबंधन को लगातार झटके लग रहे हैं. पिछले 6 दिन में I.N.D.I.A गठबंधन के नेता चर्चा का विषय बने हुए हैं. राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी, समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य, अपना दल (कमेरावादी) नेता और सपा विधायक पल्लवी पटेल और विभाकर शास्त्री यह वो नाम है जो पिछले 6 दिनों से चर्चा में बने हुए हैं, इनकी चली गई राजनीतिक चालों से इंडिया गठबंधन फिलहाल नुकसान में दिखाई दे रहा है.
साल 2024 के चुनाव के लिए बने विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में पिछले एक हफ्ते से सहयोगियों द्वारा चली गई चालों से इंडिया गठबंधन नुकसान में दिखाई दे रहा है. जयंत चौधरी के इंडिया गठबंधन छोड़ने की सुगबुगाहट के बीच स्वामी प्रसाद मौर्य का समाजवादी पार्टी के महासचिव पद से इस्तीफा देना, सपा के समर्थन से सपा के सिंबल पर अपना दल कमेरवादी की नेता पल्लवी पटेल का पीडीए की बात कहते हुए राज्यसभा चुनाव में सपा के प्रत्याशियों को वोट ना देने की बात कहना. फिर पूर्व पीएम लालबहादुर शास्त्री के पोते विभाकर शास्त्री का कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होना यह इंडिया गठबंधन के लिए नकारात्मक संदेश लेकर आया है.
वरिष्ठ पत्रकार बृजेश सिंह ने इन वाक्यों पर टिपण्णी करते हुए कहा कि किसी भी क्षेत्रीय दल की स्थिति इस चुनाव में भाजपा के खिलाफ जाकर चुनाव लड़ने की नहीं है. ना ही कोई मुखर होना चाहता है भाजपा के खिलाफ. इसके अलावा इंडिया गठबंधन में कोई ऐसा मुखिया नहीं दिखाई दिया जो इस गठबंधन को आगे लेकर जा सके, सबको एक मंच पर आगे लेकर जा सके. वहीं इंडिया गठबंधन के अघोषित मुखिया नीतीश कुमार जिन्होंने सबसे अधिक बार भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई पर विश्वास करना भी इंडिया गठबंधन के दलों के लिए एक बड़ी भूल रही है.
नीतीश के बाद से ही इंडिया गठबंधन में दिखी फूट
सीएम नीतीश कुमार कभी भी पलटी मार सकते हैं ये सबको शक था और जब से नीतीश हटे तभी से इंडिया गठबंधन टूटता हुआ दिखाई दे रहा है. वहीं इस चुनाव में किसकी सरकार बन रही है, किस तरफ माहौल है ये भी सियासी दल समझ रहे हैं. चाहें स्वामी हो, या पल्लवी हों या विभाकार हों, या फिर जयंत हो सब इसी का परिणाम है.
स्वामी प्रसाद मौर्य सपा नहीं छोड़ेंगे
वरिष्ठ पत्रकार बृजेश सिंह ने कहा कि उनके हिसाब से अभी स्वामी प्रसाद मौर्य सपा नहीं छोड़ेंगे और ना ही भाजपा उनको लेगी. हालांकि जो स्वामी मौर्य सपा में रहकर कर रहे हैं उससे भी भाजपा का ही कहीं न कहीं फायदा होता हुआ दिखाई दे रहा है. लाल बहादुर शास्त्री के पोते विभाकर शास्त्री को लेकर उन्होंने कहा कि ये बड़े लोग हैं, इनके जमीनी आधार से इतर पार्टियां सांकेतिक रूप से फायदा लेने के लिहाज से ऐसा करती हैं.
बता दें कि लोकसभा चुनाव में बस कुछ ही महीने ही बचे हैं. इंडिया गठबंधन की साथी समाजवादी पार्टी प्रत्याशियों का एलान भी करना शुरू कर चुकी है. इस बीच में इंडिया गठबंधन के सहयोगियों की नाराजगी सियासी समीकरणों में उलटफेर के संकेत दे रही है.