INDIA Alliance Meeting: लोकसभा चुनाव से पहले जहां इंडिया गठबंधन में कई तरह की बयानबाजी का दौर देखने को मिल रहा था, चुनाव आते-आते वो खत्म हुआ और सभी दल एकसाथ मिलकर मजबूती से चुनाव लड़ते दिखे, जिसके बाद दूसरे चरण के बाद से ही चुनाव की तस्वीर बदलने लगी. अब जब चुनाव अपने आखिरी चरण की ओर बढ़ गया है तो सभी के मन में एक सवाल घूम रहा है कि क्या चुनाव के बाद भी ये सभी दल एकजुट होकर रह पाएंगे या चुनाव होते ही बिखरने लगेंगे. 


दरअसल एक जून को जब आखिरी चरण की वोटिंग होगी उसी दिन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इंडिया गठबंधन के सभी घटक दलों की बैठक बुलाई है. माना जा रहा है कि इस बैठक में आगे की रणनीति तैयार होगी. जिसमें आपसी समन्वय बिठाने पर चर्चा हो सकती है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या ये दोस्ती चुनाव के बाद भी रहेगी या नहीं. 


एक जून को इंडिया गठबंधन की बैठक
इंडिया गठबंधन को लेकर इस तरह के सवाल शुरू से ही उठ रहे हैं और ये जायज भी हैं. साल 2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन, नतीजे वैसे नहीं रहे जिसकी उम्मीद थी. जिसके बाद दोनों दलों ने अलग-अलग राह पकड़ ली. इसी तरह साल 2019 में बरसों की दुश्मनी भूलकर बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने गठबंधन किया, लेकिन नतीजों के बाद ये गठबंधन भी टूटकर बिखर गया. दोनों के बीच आज तल्खी कम नहीं हो पाई है. 


यही वजह है कि अब सपा और कांग्रेस गठबंधन को लेकर भी क़यास लग रहे हैं. लेकिन सूत्रों की माने तो कांग्रेस चाहती है कि जिन दलों के साथ चुनाव लड़ा गया है उनके साथ आगे भी तालमेल बना रहे. एक जून को होने वाली बैठक को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. ताकि बीजेपी के खिलाफ आगे की लड़ाई के लिए भी तैयारी की जा सके. 


राजनीतिक जानकारों की मानें तो यूपी में सपा-कांग्रेस गठबंधन काफी हद तक लोकसभा चुनाव के नतीजों पर निर्भर करता है. अगर चुनाव के नतीजे बेहतर आते हैं तो ये याराना आगे भी जारी रह सकता है. इसकी एक वजह ये भी है कि कांग्रेस और सपा का वोट बैंक भी आपस में टकराता नहीं है. हालांकि बीजेपी बार-बार दावा करती है कि चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन टूट कर बिखर जाएगा. 


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