Lok Sabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं के दल बदल का सिलसिला शुरू हो गया है. इस बीच यूपी से एक और बड़ी खबर सामने आ रही हैं. चुनाव से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती को बड़ा झटका लग सकती है. सूत्रों के मुताबिक उनकी पार्टी में बड़ी टूट हो सकती हैं. 2019 में बसपा के चुनाव चिन्ह पर जीतने वाले सभी दस सांसद बसपा छोड़ सकते हैं. 


लोकसभा चुनाव में मायावती के रुख को देखते हुए बसपा सांसदों पर दूसरे राजनीतिक दलों की नज़र टिकी हुई है. इनमें बीजेपी, सपा और कांग्रेस तीनों दल शामिल हैं. दावा है ये भी है कि ये नेता एलान करने से पहले अपने लिए टिकट की गारंटी चाहते हैं. अगर एक बार उनके नाम पर मुहर लग जाती है तो वो मायावती का साथ छोड़ देंगे. इस सूची में पश्चिम से पूर्वांचल तक बसपा के सभी दस सांसद शामिल हैं. 


चुनाव से पहले बसपा में बड़ी टूट!
खबरों के मुताबिक़ बसपा के चार सांसद इन दिनों बीजेपी के संपर्क में हैं. इसके अलावा तीन सांसद सपा और तीन सांसद कांग्रेस के संपर्क में बने हुए हैं. समाजवादी पार्टी ने तो गाजीपुर से बसपा सांसद अफजाल अंसारी को पहले ही सपा प्रत्याशी घोषित कर दिया है. इसके अलावा सहारनपुर सीट से बसपा विधायक हाजी फजलुर्रहमान और घोसी सीट से बसपा सांसद अतुल राय भी सपा के संपर्क में बने हुए हैं. 


बसपा के चार सांसद बीजेपी के संपर्क में है. इनमें से एक नाम लालगंज से बसपा विधायक संगीता आजाद का है. इन्होंने पिछले दिनों अपने पति के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाक़ात की थी. इनके अलावा बिजनौर से बसपा सांसद मलूक नागर और अंबेडकरनगर सीट से रितेश पांडेय का नाम भी इस सूची में शामिल हैं. 


कांग्रेस के संपर्क में ये सांसद
बसपा से निष्कासन के बाद अमरोहा से सांसद दानिश अली भी इन दिनों कांग्रेस के संपर्क में है. उन्हें कांग्रेस की ओर से टिकट मिलना तय माना जा रहा है वहीं जौनपर सीट से बसपा सांसद श्याम सिंह यादव भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. 


लोकसभा चुनाव में बसपा सुप्रीमो मायावती के रुख़ को देखते हुए सभी सांसद ने अपने लिए अलग रहा तलाशनी शुरू कर दी है. बसपा में इस बड़ी टूट के पीछे मायावती के अकेले चुनाव लड़ने के फ़ैसले को बड़ी वजह माना जा रहा है. राजनीति जानकार भी मानते हैं कि मायावती की ये फैसला आत्मघाती साबित हो सकता है. बसपा अगर गठबंधन में शामिल नहीं होती तो एक भी सीट मिलना मुश्किल है. 


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