Lok Sabha Election 2024: अमूमन हर लोकसभा चुनाव में सबसे पहले टिकटों का ऐलान करने वाली बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती इस बार टिकट बंटवारे में देरी कर रही हैं . इस बार के चुनाव में सबसे पहले समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने 51 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है.  वहीं बहुजन समाज पार्टी की एक भी लिस्ट सामने नहीं आ पाई है . सूत्रों की माने तो बसपा का अपने टिकटों पर मंथन जारी है और 15 मार्च तक पहली लिस्ट आने की उम्मीद है. कांशीराम की जयंती पर बसपा आपकी पहली सूची जारी कर सकती है जिसमे आधी से अधिक सीटों पर एलान संभव है.


बसपा के सूत्रों की माने तो बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती प्रत्याशियों के चयन को लेकर लगातार बैठक कर रही हैं . इस दौरान मंडल और सेक्टर प्रभारियों से भी उनकी बैठकें हो रही हैं, वहीं मायावती उन दावेदारों को तवज्जो देना चाहती हैं जिन जिन्हें बीते चुनाव में तकरीबन 2 लाख से अधिक वोट मिले हो और जिन सीटों पर ऐसे प्रत्याशी नहीं मिल रहा है, वहां बसपा अपने जोनल कोऑर्डिनेटर को टिकट देने की रणनीति  बना रहीं हैं. सूत्रों की माने तो बसपा सुप्रीमो को अब तक अधिकतर दावेदारों की सूची पार्टी पदाधिकारियों द्वारा दी जा चुकी है, जिस पर मायावती का मंथन जारी है.


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मौजूदा सांसदों से नाराज है मायावती
बहुजन समाज पार्टी के मुखिया मायावती अपने मौजूदा सांसदों से नाराज हैं. बहुजन समाज पार्टी के इस वक्त 10 सांसद मौजूद हैं पर उनकी गतिविधियों से मायावती ने पिछले दिनों नाराजगी के बाद इस बात के संकेत दे दिए थे कि वह इस बार इनको टिकट नहीं देने वाली है. इस दौरान बसपा की नजर दूसरी पार्टियों के उन बागियों पर है जो जातीय समीकरणों के अनुसार फिट बैठ रहे हों और उन्हें भाजपा या इंडिया गठबंधन से टिकट न मिला हो और वह बहुजन समाज पार्टी का टिकट लेना चाहते हो ,तो बसपा उन पर भी विचार कर सकती है.


बहुजन समाज पार्टी के इस स्थिति पर वरिष्ठ पत्रकार पंकज सिंह कहते हैं कि बसपा फिलहाल  अनिर्णय की स्थिति से गुजर रही है . मायावती तय नहीं कर पा रही हैं कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं करना है . उन्होंने कहा कि 2012-14 के पहले के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी चुनाव के पहले अपना बड़ा शक्ति प्रदर्शन करती थी. शीर्ष नेतृत्व की कुछ बड़ी रैलियां देखने को मिलती थी तो वहीं छोटे क्षत्रप भी अलग-अलग कार्यक्रम कर लेते थे. लेकिन अब बसपा को क्या करना है यह बसपा तय नहीं कर पा रही. पंकज सिंह ने बसपा के भाजपा के बी टीम होने के सपा के आरोपों पर कहा कि हो सकता है कि बसपा भाजपा की बी टीम ना हो पर उसकी शांति और उसका जनसरोकार के मुद्दों से दूरी लोगों को ऐसा सोचने पर मजबूर करती है.