UP Lok Sabha Chunav 2024: पूरे देश में तीन चरणों की मतदान प्रक्रिया खत्म हो चुकी है. चुनाव को लेकर इस बार नेता जितने सक्रिय नजर आ रहे हैं तो वहीं निष्पक्ष चुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग भी सख्त रवैया अपनाये हुए है. चुनाव आयोग की सख्ती का ही असर है कि इस बार चुनाव में इस्तेमाल होने वाले कालेधन की जगह ड्रग ने ली है. क्योंकि चुनाव प्रक्रिया के दौरान ज्यादा कैश ले जाने पर रोक लगा दी गई है और ऐसे कैश लाना-ले जाना खतरे से खाली नहीं है. ऐसा हम इसलिये कह रहे हैं कि क्योंकि इस बार यूपी मे चुनाव के दौरान अबतक 238 करोड़ की ड्रग पकड़ी जा चुकी है. जबकि चुनाव में 34 करोड़ की नकदी पकड़ी गई है. 


लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 16 मार्च आदर्श आचार संहिता लग गई थी. चुनाव आयोग की 'मनी पावर वाच टीम' ने महज 13 अप्रैल तक ही 4650 करोड़ रुपये की नकदी, शराब, ड्रग्स आदि सीज की, जो 75 साल के संसदीय चुनाव के इतिहास में सबसे ज्यादा था. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2019 के लोकसभा चुनावों के सातों चरणों में 3475 करोड़ रुपये सीज किए गए थे. बड़ी बात ये है कि कुल जब्त राशि में से करीब आधी ड्रग्स और कोकीन जैसे मादक पदार्थों के रूप में है. पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार ड्रग्स की जब्ती सबसे ज्यादा है.


तीन चरणों में पकड़ी जा चुकी 238 करोड़ की ड्रग
पिछले पूरे चुनाव के दौरान देशभर में जहां 1239 करोड़ की ड्रग्स पकड़ी गई थी. वहीं इस बार केवल तीन चरणों के चुनाव में यूपी में ही 238 करोड़ की ड्रग्स सीज की जा चुकी है. वहीं कैश की जब्ती पिछले चुनाव के मुकाबले आधी से भी ज्यादा घट गई. अबतक कार्रवाई मे पकड़ी गई ड्रग्स में अफीम, चरस, गांजा से लेकर ब्राउन शुगर तक शामिल हैं. इनकी बाजार में कीमत 50 हजार रुपये से लेकर दो करोड़ रुपये किलो तक है.


सूत्रों का दावा है कि कैश के बजाय ड्रग्स की धरपकड़ में अप्रत्याशित तेजी की मुख्य वजह दो हजार रुपये के नोट हैं, जो बंद कर दिए गए हैं. उनके मुताबिक पहले चुनाव में इस्तेमाल होने वाले कालेधन को पहुंचाने का जरिया दो हजार के नोट थे. केवल दस गड्डी में ही बीस लाख आसानी से पहुंच जाते थे. ऐसे में अब पांच सौ के नोटों के लाखों करोड़ो में ले जाना खतरे से खाली नहीं है. इस बार आयोग की टीमें डाटा इंटेलीजेंस और तकनीक के आधार पर ज्यादा काम कर रही हैं. इस वजह से कैश की जगह ड्रग ने ली है.


तीन चरणों में पकड़ा गया करोड़ा ड्रग्स
एक रिपोर्ट में मुताबिक आचार संहिता लागू के बाद 30 मार्च तक 17 करोड़ नकदी और 38 करोड़ का ड्रग पकड़ा गया है. ये आंकड़ा महीने दर महीने बढ़ता ही गया. 15 अप्रैल तक 24 करोड़ कैश पकड़ा गया, 36 करोड़ की शराब और 56 करोड़ की ड्रग्स जब्त की गई. 30 अप्रैल तक 32 करोड़ कैश, 46 करोड़ की शराब और 218 करोड़ की जब्त हुई.इसके साथ ही 7 मई तक आकड़ा बढ़कर 34 करोड़ कैश, 49 करोड़ की शराब और 238 करोड़ रुपये की जब्त की गई है.


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