Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले यूपी की सियासत में जबरदस्त हलचल देखने को मिल रही हैं. इंडिया गठबंधन में मची उठापटक के बीच सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की राजा भैया से मुलाक़ात के बाद नए गठबंधन को सुगबुगाहट तेज़ हो गई है. इस बीच राजा भैया का हाल ही में दिया गया बयान चर्चा में आ गया है जिसमें वो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक फ़ैसले पर भड़कते हुए नज़र आ रहे थे. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या एक सप्ताह में ही उनका मन बदल गया है. 


दरअसल पिछले दिनों 11 फ़रवरी को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, अपने सभी मंत्रियों और विधायकों को लेकर रामलला के दर्शन के लिए पहुंचे थे, लेकिन सपा विधायकों ने इससे भी दूरी बनाए रखी. राजा भैया भी इस दौरान अयोध्या पहुंचे थे लेकिन, सपा का कोई विधायक नजर नहीं आया, जिसे लेकर राजा भैया ने अखिलेश यादव पर तंज कसा था. 


अखिलेश के इस फ़ैसले पर जताई थी नाराज़गी
राजा भैया ने कहा, 'मैं प्राण प्रतिष्ठा के बाद दूसरी बार अयोध्या जा रहा हूं. देखिए, सभी विधायकों के चेहरों पर कितनी प्रसन्नता है. जहां तक मेरी बात है.. मेरा सौभाग्य है कि मुझे 22 तारीख को प्राण प्रतिष्ठा में भी जाने का अवसर मिला. सपा क्यों नहीं आई ये सवाल सपा से पूछिए.. उसके बारे में हम क्या कहें. हम लोगों को तो बुलाया है. बहुत-बहुत अच्छा लग रहा है. सभी विधायकों को देखिए कितना उल्लास है. इस तरह का आयोजन है, परिवार की तरह सभी विधानसभा के सदस्य जा रहे हैं.'


यूपी विधानसभा अध्यक्ष की ओर से पक्ष और विपक्ष सभी विधायकों को अयोध्या दर्शन करने लिए आमंत्रित किया गया था. लेकिन, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ये कहकर जाने से मना कर दिया था कि जब समय था बुलाने का तब बुलाया नहीं. जब भगवान बुलाएंगे तो हम जाएंगे, आपके बुलाने पर नहीं जाएंगे. 


इधर गठबंधन की सुगबुगाहट के बीच राजा भैया का भी बड़ा बयान सामने आया है. राजा भैया ने कहा है कि उन्होंने राजनीति में 28 सालों में से 20 साल सपा को दिए हैं इसलिए समाजवादी पार्टी उनके लिए सबसे पहले हैं. राजा भैया के इस बयान के बाद सपा की राज्यसभा चुनाव में भी तीसरी सीट के लिए राह आसान होते दिख रही है. 


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