UP Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को  लेकर समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के बीच औपचारिक गठबंधन का एलान कर दिया गया है. दोनों दलों में सीटों को लेकर सहमति बन गई है. जिसके बाद जयंत चौधरी पश्चिमी यूपी में जाट वोटरों के प्रभाव वाली सात सीटों सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में रालोद के सामने इन सीटों पर अपना खाता खोलने की चुनौती होगी. इसके साथ ही यहां एक नया समीकरण भी देखने को मिल सकता है. 


शुक्रवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने जयंत चौधरी के साथ एक्स पर फ़ोटो शेयर करते हुए गठबंधन की घोषणा कर दी और सभी कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर चुनाव की तैयारी में जुटने का आह्वान किया. सपा अध्यक्ष ने कहा, 'राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी के गठबंधन की सभी को बधाई. जीत के लिए सभी एकजुट हो जाएं, जुट जाएं. जयंत चौधरी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मिलकर आगे बढ़ने की अपील की. 


इन सीटों पर लड़ सकती है रालोद
सूत्रों की मानें तो रालोद पश्चिमी यूपी की सात सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. इनमें मेरठ, मथुरा, बागपत, मुज्जफरनगर, बिजनौर, अमरोहा और कैराना जैसी सीटें शामिल हैं. ये इलाक़े जाट बहुल क्षेत्र हैं. यहां जाट मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं. रालोद के सामने यहां अपना खाता खोलने की चुनौती होगी. 2019 के लोकसभा चुनाव में रालोद का सपा-बसपा से गठबंधन था. रालोद को मथुरा, बागपत और मुजफ्फरनगर सीट मिली थीं, लेकिन वह तीनों सीट पर हार गई, जबकि सपा और बसपा ने क्रमश: पांच और 10 सीट जीतीं 


पश्चिमी यूपी में बनेगा नया समीकरण
गठबंधन के एलान के बाद पश्चिमी यूपी में एक नया समीकरण देखने को मिल सकता है. रालोद के लिए यहां कई ऐसे फ़ैक्टर हैं जो मुसीबत बन सकते हैं. बीजेपी का भी इस इलाक़े में ख़ासा असर हैं. यहाँ बीजेपी के पक्ष में 2013 के दंगों का प्रभाव फिर दिख सकता है, तो वहीं लोग मुस्लिम वोटर्स के ख़िलाफ एकजुट होकर वोटिंग कर सकते हैं. इस बीच राम मंदिर भी बड़ा मुद्दा रहने वाला है. 


दूसरी तरफ़ रालोद एक बार फिर अपने पुराने समीकरण जाट, दलित और मुस्लिम गठजोड़ पर दांव लगा सकती है. इनमें से कुछ सीटें ऐसी हैं जहां यादव वोटर्स नहीं के बराबर हैं. लेकिन रालोद को यहां भीम आर्मी का समर्थन मिल सकता है, खतौली उपचुनाव में भीम आर्मी चीफ़ चंद्रशेखर ने रालोद के समर्थन में चुनाव प्रचार किया था, जिसके बाद इस सीट पर रालोद की जीत भी हुई थी.


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