Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के बीच सबसे ज्यादा चर्चा का विषय अमेठी सीट बनी हुई है. इस सीट पर बीजेपी ने वर्तमान सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को उम्मीदवार बनाया है. लेकिन दूसरी ओर इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है. यह सीट कांग्रेस और गांधी परिवार का गढ़ रही है लेकिन बीते 2019 के चुनाव में राहुल गांधी हार गए थे. इस चुनाव में सोमवार को स्मृति ईरानी नामांकन करने जा रही हैं. आइए इससे पहले जानते साल 2019 के समीकरण और इस बार बीजेपी इस सीट पर क्या रणनीति अपनाने जा रही है
अमेठी में बीते चुनाव के दौरान कांग्रेस और राहुल गांधी के हार की चर्चा आज भी होती है. राहुल गांधी की हार के बाद से अब तक तमाम तरह की चर्चाएं होती हैं. साल 2014 में स्मृति ईरानी की हार से लेकर साल 2019 में राहुल गांधी की हार के बीच तीन अहम मुद्दे थे. सबसे बड़ा सिंपैथी का मुद्दा था. साल 2014 में हार के बाद स्मृति ईरानी लगातार क्षेत्र में एक्टिव रहीं और पार्टी के बड़े नेताओं ने भी उनका पूरा साथ दिया था. साल 2014 हार के बाद स्मृति ईरानी और बीजेपी को अमेठी में एक्टिव रहने का पूरा फायदा मिला था.
हालांकि राहुल गांधी की हार के बाद ऐसा नजर नहीं आया है. राहुल गांधी बीते पांच सालों के दौरान भारत जोड़ो न्याय यात्रा को छोड़ दिया जाए तो शायद ही कभी अमेठी गए. कांग्रेस नेता यह दावा करते रहे हैं कि साल 2020 से 2022 के दौरान कोविड काल में राहुल गांधी ने अमेठी की जनता के लिए कई मौकों पर मदद पहुंचाई. दावा किया जाता है कि मास्क, सैनेटाइजेशन, राशन और आर्थिक मदद के लिए राहुल आगे आए. इसके अलावा दूसरा सबसे अहम फैक्टर रहा दोनों नेताओं के बीच सीधा मुकाबला.
राहुल गांधी के खिलाफ बिखरा विपक्षी वोट
जब साल 2014 में लोकसभा चुनाव हो रहे थे तो आम आदमी पार्टी के टिकट पर कुमार विश्वास भी अमेठी से उम्मीदवार थे. तब कांग्रेस उम्मीदवार राहुल गांधी को करीब एक लाख वोटों के अंतर से जीत मिली थी. उन्हें करीब 4.08 लाख वोट मिले और दूसरी ओर बीजेपी की उम्मीदवार स्मृति ईरानी को करीब 3 लाख वोट मिले थे.
जबकि बीएसपी के उम्मीदवार धर्मेंद्र प्रताप सिंह को 57,716 वोट और कुमार विश्वास को 25,227 वोट मिले थे. जब साल 2019 का लोकसभा चुनाव हो रहा था तो बीएसपी और सपा के बीच गठबंधन था. गठबंधन ने अमेठी में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था. आम आदमी पार्टी ने भी इस बार अमेठी में कोई उम्मीदवार नहीं दिया था. इस वजह से सीधा मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच हुआ.
साल 2019 में हुआ था सीधा मुकाबला
स्मृति ईरानी और राहुल गांधी के बीच 2019 के चुनाव में सीधी टक्कर हुई थी. तब राहुल गांधी को करीब 4.13 लाख वोट मिले, जबकि स्मृति ईरानी के वोटों में पिछले बार के मुकाबले ज्यादा बढ़ोतरी हुई थी. स्मृति ईरानी को इस बार करीब 4.68 लाख वोट मिले और उन्होंने लगभग 55 हजार वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी.
इसके अलावा राहुल गांधी ने बीते चुनाव में अमेठी के साथ वायनाड से भी चुनाव लड़ा था. बीजेपी ने उनके खिलाफ इस मुद्दे को जबरदस्त तरीके से मुद्दा बनाया और कांग्रेस पूरी तरह राहुल गांधी के दो जगह से चुनाव लड़ने की मुद्दे पर घिरी नजर आई थी. राहुल गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने की वजह को बीजेपी यह समझाने में सफल रही है कि उन्हें यहां हार का डर है.
रोचक होगी सियासी जंग
अब फिर से बीजेपी ने इस सीट पर स्मृति ईरानी को उम्मीदवार बनाया है, वह बीते कई महीने से अमेठी में डेरा डाले हुई हैं. वहीं कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है. लेकिन जिस तरह से कांग्रेस का कार्यालय तैयार हो रहा है, तो माना जा रहा है कि राहुल गांधी के नाम का ऐलान दूसरे चरण की वोटिंग के बाद हो सकता है. कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वह एक मई को नामांकन करेंगे.
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी की क्या रणनीति होगी. चूंकि इस बार सपा और बसपा का अलायंस नहीं है ऐसे में बसपा अगर अपना उम्मीदवार उतारेगी तो वह किसके लिए संकट और किसके लिए संकटमोचक बनेगी यह तो 4 जून को ही पता चलेगा.