SP-Congress Alliance in UP: उत्तर प्रदेश में काशी मशक़्क़त और खींचतान के बाद आख़िरकार सपा और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर सहमति बन गई है. बुधवार को दोनों दलों की ओर से आधिकारिक प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर इसका एलान कर दिया गया है. गठबंधन में यूपी की 80 सीटों में से 17 सीटें कांग्रेस को दी गईं हैं. इसके अलावा बाकी 63 सीटों इंडिया गठबंधन के बाक़ी सदस्यों के उम्मीदवार होंगे. इनमें एक सीट चंद्रशेखर आजाद को दिया जाना भी तय माना जा रहा है.
कांग्रेस यूपी की जिन 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, उसमें रायबरेली, अमेठी, कानपुर नगर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महाराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, गाजियाबाद मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया का नाम शामिल हैं. अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस काफी मज़बूत हैं. इन सीटों पर लगातार गांधी परिवार जीतता रहा है, हालांकि 2019 में अमेठी में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को हरा दिया था.
इन सीटों पर 30 साल से नहीं जीती कांग्रेस
कांग्रेस को जो सीटों में मिली हैं उनमें से कई ऐसी भी हैं जिन पर कांग्रेस पिछले 30 सालों से जीत हासिल नहीं कर सकी है. इनमें फ़तेहपुर सीकरी, सहारनपुर, प्रयागराज, अमरोहा, बुलंदशहर, सीतापुर और देवरिया जैसी सीटें शामिल हैं.
फतेहपुर सीकरी- यूपी की फ़तेहपुर सीट पर कांग्रेस अभी एक भी बार नहीं जीती है. ऐसे में ये नई सीट अब कांग्रेस के हिस्से में आईं हैं, पिछली बार इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार राज बब्बर मैदान में थे लेकिन उन्हें यहां हार का सामना करना पड़ा. समाजवादी पार्टी का भी यही हाल है. सपा को भी इस पर आज तक जीत नहीं मिली.
सहारनपुर- यूपी की सहारनपुर सीट जाट और मुस्लिम बहुल मानी जाती है. इस सीट पर कांग्रेस को आखिरी बार 1984 में जीत मिली थी. इस समय इस सीट पर बसपा का कब्जा है और हाजी फजलुर्रहमान यहां से सांसद हैं.
प्रयागराज- प्रयागराज सीट पहले इलाहबाद के नाम से जानी जाती थी. गांधी परिवार की जड़े इलाहाबाद से जुड़ी हुई है बावजूद इसके इस सीट पर बरसों से कांग्रेस पार्टी को जीत नहीं मिल पाई है. इस सीट से बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी सांसद हैं. आखिरी बार कांग्रेस को यहां साल 1984 में जीत मिली थी. तब बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन ने इस सीट पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता था.
अमरोहा- यूपी की अमरोहा सीट भी इस लिस्ट में शामिल हैं जहां कांग्रेस को 30 सालों से ज़्यादा समय से जीत नहीं मिल पाई है. इस सीट पर 1984 में कांग्रेस आख़िरी बार जीती थी. इस सीट से पिछली बार बसपा से दानिश अली ने जीत हासिल की थी, लेकिन अब बसपा ने उन्हें निष्कासित कर दिया है और कांग्रेस अब उन्हें टिकट दे सकती है.
बुलंदशहर- यूपी की बुलंदशहर सीट पर कांग्रेस ने आखिरी बार साल 1984 में जीत दर्ज की थी. वर्तमान समय में इस सीट पर बीजेपी केभोला सिंह सांसद हैं.
सीतापुर- यूपी की सीतापुर सीट पर कांग्रेस को आखिरी बार 1989 में जीत मिली थी, इसके बाद कांग्रेस ने इस सीट पर जीत दर्ज नहीं की है. सीतापुर से बीजेपी के राजेश वर्मा सांसद हैं.
देवरिया- कांग्रेस को देवरिया सीट पर 1984 में जीत मिली थी. तब से आज तक कांग्रेस को यहाँ जीत नहीं मिली है. देवरिया में बीजेपी के रमापति राम त्रिपाठी सांसद हैं. जो बीजेपी के बड़े नेताओं की लिस्ट में शामिल हैं.
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