UP Lok Sabha Chunav 2024: आज देश में छठवें चरण का चुनाव जारी है. अब इसके बाद सातवें चरण पर नजर रहेगी, जिसमें वाराणसी सहित आसपास के जनपद में 1 जून कों वोटिंग होनी है. वाराणसी सहित आसपास के जनपद में कई ऐसी सीट हैं जहां पर प्रत्याशी खुद अपने क्षेत्र में वोटर नहीं है लेकिन वह विरोधियों का खेल बिगाड़ते नजर आ रहे हैं. इसमें खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय मंत्री डॉ.महेंद्र नाथ पांडे और सपा के कद्दावर नेता धर्मेंद्र यादव शामिल हैं. हालांकि यह बेहद दिलचस्प बात है कि अपनी ही सीटों पर यह नेता भले ही वोटर ना हो लेकिन मजबूती के साथ चुनाव लड़ते नजर आ रहे हैं.


वाराणसी सहित आसपास के जनपद में सातवें चरण 1 जून को वोटिंग है और इन सीट पर कई ऐसे दिग्गज है जिनकी प्रतिष्ठा दाव पर है. हालांकि सीटों की बात कर ले तो यहां पर कई ऐसे प्रत्याशी चुनावी मैदान में है जो खुद अपने क्षेत्र के वोटर नहीं है लेकिन मजबूती से विपक्षी नेताओं को टक्कर देते नज़र आ रहे हैं. वाराणसी से ही अलग हुए चंदौली लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्रनाथ पांडे भारतीय जनता पार्टी से चुनावी मैदान में है, जबकि महेंद्र नाथ पांडे चंदौली नहीं वाराणसी के वोटर हैं. 


आजमगढ़ में बाहरी बनाम बाहरी में मुकाबला
देश के सबसे बड़े वीआईपी सीट वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. इससे पहले 2014, 2019 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ी जीत हासिल की थी. ऐसे में  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार वाराणसी की लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और वो गुजरात के वोटर हैं. वहीं आजमगढ़, गाजीपुर और बलिया की सीट पर भी कुछ ऐसी ही तस्वीर देखी जा रही है. गाजीपुर से सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी मोहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र के वोटर हैं जो वर्तमान समय में बलिया लोकसभा क्षेत्र में आता है.


आजमगढ़ की लोकसभा सीट पर भी कांटे का मुकाबला देखा जा रहा है. इन सीट पर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी दोनों प्रत्याशी आजमगढ़ के नहीं है, लेकिन एक दूसरे को मजबूती से चुनौती देते नजर आ रहे हैं. दिनेश लाल यादव निरहुआ गाजीपुर के वोटर हैं, जबकि समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव सैफई के मतदाता है. इसके अलावा घोसी से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी राजीव राय भी बलिया के वोटर हैं. इसलिए कहना गलत नहीं होगा कि पूर्वांचल की अलग-अलग सीटों पर कई ऐसी पार्टियों के प्रत्याशी हैं जो अपने क्षेत्र में ही वोटर नहीं है लेकिन विरोधियों का खेल बिगाड़ते नजर आ रहे हैं.


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