UP News: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) भले ही अभी दूर हों, लेकिन बीजेपी (BJP) ने इस पर रणनीति बनानी अभी से शुरू कर दी है. उस रणनीति पर अमल भी होने लगा है. दरअसल, बीजेपी ने 2024 के लिए टारगेट 80 (Target 80) सेट किया है और इसके लिए खास रणनीति भी तैयार की है. हम आपको इस रिपोर्ट को बताएंगे कि आखिर क्या है, टारगेट-80 के लिए बीजेपी की रणनीति?
इन्हें मिली जिम्मेदारी
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी अभी से अपनी रणनीति तैयार कर रही है. पार्टी का फोकस खासतौर से प्रदेश की उन 14 लोकसभा सीटों पर है, जिसे पिछले चुनाव में वह जीत नहीं पाई थी. इन लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी पार्टी ने राज्यसभा सदस्यों को सौंपी है. सांसदों को पार्टी ने 100-100 बूथों की जिम्मेदारी सौंपी है. जबकि विधायक और विधान परिषद सदस्यों के जिम्मे 25-25 बूथ आये हैं. दरअसल, उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने 22,000 ऐसे बूथ चिन्हित किए हैं जहां उसकी स्थिति कमजोर रही है. अब इन्हीं 22,000 बूथों पर पार्टी का खास फोकस है. इतना ही नहीं पार्टी ने जो स्ट्रेटजी बनाई है, उसके मुताबिक इन लोकसभा सीटों में केंद्रीय मंत्री भी प्रवास पर जाएंगे. वे लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुनेंगे और उसका समाधान भी निकालेंगे.
राज्यसभा सांसदों को मिली जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने इस बार लोकसभा चुनाव के लिए टारगेट-80 सेट किया है. बीजेपी को यह लग रहा है कि आजमगढ़ और रामपुर में हुए चुनाव को जीतने के बाद वह प्रदेश की 80 के 80 लोकसभा सीटें आसानी से जीत सकती है. पार्टी ने जो रणनीति तैयार की है उसके मुताबिक ऐसी 14 सीटें जो बीजेपी नहीं जीत पाई थी, वहां राज्यसभा सदस्यों को बूथों की जिम्मेदारी दी गई है. इसमें बाबूराम निषाद को वाराणसी, सुरेंद्र नागर को बिजनौर, बृजलाल को नगीना कांता, कर्दम को अमरोहा और गीता शाक्य को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है.
इन केंद्रीय मंत्रियों को मिली जिम्मेदारी
वहीं हारे हुए बूथो को एबीसीडी कैटेगरी में बांटा गया है. हर सांसद को 100 बूथ की तो विधायक को 25 की जिम्मेदारी सौंपी गई है. अब 14 हारी लोकसभा सीटों पर केंद्रीय मंत्रियों को भी 3 दिन रहने के लिए कहा गया है. इनमें सहारनपुर, नगीना और बिजनौर सीट पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव प्रवास करेंगे. रायबरेली, श्रावस्ती, अंबेडकरनगर और मऊ-घोसी में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर प्रवास करेंगे. मुरादाबाद, अमरोहा, संभल और मैनपुरी में मंत्री जितेंद्र सिंह प्रवास करेंगे. जबकि जौनपुर, गाजीपुर और लालगंज सीट पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी तीन दिन प्रवास करेंगी.
अल्पसंख्यक वोट पर खास नजर
वे क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को सुनकर उसका तुरंत समाधान करेंगे. ऐसे लगभग 22,000 बूथ है जहां बीजेपी नहीं जीती है. इन बूथों पर बूथ सशक्तिकरण अभियान चलाया जा रहा है. इन बूथों पर खासतौर से अल्पसंख्यक समाज को बीजेपी ने अपने साथ लाने की रणनीति तैयार की है. इन 22,000 बूथों में से ज्यादातर पर अल्पसंख्यक वोटरों की संख्या अधिक है. इसलिए तीन तलाक पीड़ित महिलाओं और सरकारी योजना के लाभार्थी जो अल्पसंख्यक समाज से आते हैं, उनको जोड़ने की जिम्मेदारी अल्पसंख्यक मोर्चा को सौंपी गई है.
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मंत्रियों का दावा
सरकार के मंत्री दावा कर रहे हैं कि जिस तरीके से बीजेपी ने अपनी रणनीति तैयार की है, जनता का जो सपोर्ट बीजेपी को मिल रहा है, इस बार राज्य की 80 की 80 लोकसभा सीटें बीजेपी जीतेगी. बीजेपी ने वीक बूथों को लेकर जो रणनीति तैयार की है, उसके पीछे एक बड़ी वजह यह भी है कि जब 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से जीत हासिल की तो लाखों वोटों से भले ही वो जीतें हों लेकिन उसके बावजूद भी कई ऐसे बूथ थे जहां पर पीएम मोदी को 10 वोट भी नहीं मिले. शायद यही वजह है कि बीजेपी ने खासतौर से ऐसे 22,000 बूथों पर फोकस कर दिया है, जो हमेशा से उसके लिए कमजोर साबित होते रहे हैं. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कुछ बूथों का अगर जिक्र करें तो
विधानसभा क्षेत्र शहर दक्षिणी के बूथ संख्या
- 136-जामिया मदरसा मजहरूल उलूम कटेहर 9 वोट
- 137-जामिया मदरसा मजहरूल उलूम कटेहर 5 वोट
- 138-जामिया मदरसा मजहरूल उलूम कटेहर 6 वोट
- 203-फलही गर्ल्स स्कूल कोइलाबाजार 7 वोट
- 206-माडल एडूकेशन जूहा जुगलटोला कोइलाबाजार 9 वोट
विधानसभा क्षेत्र शहर उत्तरी की बात करें तो बूथ संख्या
- 289-सिटी गर्ल्स स्कूल काजीसादुल्लापुरा 3 वोट
- 290-सिटी गर्ल्स स्कूल काजीसादुलापुरा 8 वोट
- 296-मदरसा दयारतुल्ला इस्लाम चिराग उलूम रसूलपुरा 6 वोट
कैंट विधानसभा क्षेत्र
- 223-मदरसा जामिया फरुखिया रेवड़ी तालाब 9 वोट
- 234-जयनारायण इंटर कालेज रामापुरा 7 वोट
- 272-दुर्गाचरण बालिका इंटर कालेज पांडेयहवेली 7 वोट मिले
बनाई गई वीक बूथ कमेटी
वहीं 14 लोकसभा सीटों पर केंद्रीय मंत्रियों की ड्यूटी लगाए जाने को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि जब यह मंत्री इन जिलों में पहुंचेंगे तो यहां की जनता सवाल पूछेगी कि आखिर महंगाई से बेरोजगारी से राहत क्यों नहीं मिल रही है. लेकिन बीजेपी के राज्यसभा सदस्य कह रहे हैं कि जिस तरह से पार्टी इन बूथों पर जा रही है, वहां लोगों का बहुत अच्छा समर्थन बीजेपी को मिल रहा है.
बीजेपी ने जो वीक बूथ कमेटी बनाई, उसके पीछे एक वजह यह भी है कि जिन-जिन बूथों पर 2019 में उसे 49 फीसदी वोट मिले विधानसभा चुनाव 2022 में अगर वहां वोट प्रतिशत घट गया. अब बीजेपी की कोशिश यह है कि बूथ पर संपर्क के जरिए कम से कम 51 फीसदी वोट जरूर हासिल किया जाएं. जिससे 80 का उसका जो टारगेट है वह यूपी में पूरा हो सके.
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