Atiq Ahmed News: माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) की हत्या का मुद्दा अब उत्तराखंड में भी चुनावी रूप लेने लगा है, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) ने भाजपा (BJP) पर आरोप लगाया है कि इस बार लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में भाजपा का चुनाव चिन्ह अतीक अहमद होगा, क्योंकि भाजपा के पास कोई मुद्दे नहीं है, विकास का एजेंडा नहीं है और भाजपा जातिवाद की राजनीति कर लोकसभा चुनाव जीतने की कोशिश में है.
उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव को लेकर अभी से सियासी दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. चुनाव की तैयारियों के साथ-साथ जुबानी हमले भी किए जा रहे हैं ताकि चुनाव से पहले माहौल तैयार कर लिया जाए. ऐसे में तमाम मुद्दों की तलाश भी की जा रही है, भाजपा जहां विकास के नाम पर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने का दावा कर रही है, तो वहीं भाजपा को जवाब देने के लिए काग्रेस कई मुद्दे तैयार कर रही है. महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, समेत अन्य कई मुद्दे कांग्रेस के पास है, जो इस बार चुनावों में अहम रहेंगे, लेकिन अब यहां अतीक अहमद की भी एंट्री हो गई है.
उत्तराखंड की सियासत में अतीक की एंट्री
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आरोप लगाया कि भाजपा इस बार के चुनावों में अतीक अहमद के नाम पर वोट बैंक बटोरने की कोशिश करेगी और इस बार भाजपा का चुनाव चिन्ह अतीक अहमद होगा. इसके साथ ही हरीश रावत ने लैंड जिहाद के नाम पर तोड़े जा रही मजारों को लेकर भी भाजपा पर हमला बोला है, हरीश रावत ने कहा जो अवैध मजार हैं, उनको तोड़ने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सरकार इसके लिए कुछ नियम तो तैयार करें, क्योंकि संन्यासी और अन्य धर्मों से जुड़े लोग जंगलों में ही तपस्या करते थे.
बीजेपी ने किया पलटवार
हरीश रावत के अतीक अहमद वाले बयान पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का भी बयान आया है. उनका कहना है कि हरीश रावत इतने सीनियर नेता हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि भाजपा का चुनाव चिन्ह क्या है. बीजेपी का चुनाव चिन्ह मां सरस्वती का आसन कमल का फूल है, लेकिन कांग्रेस के नेता मुद्दा विहीन हो गए हैं, इसलिए इस तरह की बात कर रहे हैं, उनका यह भी कहना है कि हरीश रावत हरिद्वार से चुनाव लड़ने का जो सपना देख रहे हैं, वह पूरा नहीं होगा, क्योंकि उनकी ही पार्टी के नेता हरक सिंह रावत उनके सपनों को तोड़ने लगे हैं, इसलिए कांग्रेस भाजपा की चिंता ना करें.
उत्तराखंड में 5 लोकसभा सीटे हैं और इन सभी सीटों पर 2014 से अब तक भाजपा का ही कब्जा है, लेकिन इस बार कांग्रेस समीकरण बदलने का दावा कर रही है. यही बात है कि चुनावों से पहले कांग्रेस और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. जहां भाजपा मोदी सरकार के कामकाज को लेकर चुनाव लड़ने की बात कर रही है, तो कांग्रेस ने कई मुद्दे तैयार कर लिए है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि हरीश रावत ने अतीक अहमद का मुद्दा छेड़ कर इसे उत्तराखंड में भी सियासी रूप दिया है.
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