Lok Sabha Election 2024: 7 सीटें पाने के बाद जयंत चौधरी क्यों देख रहे NDA की तरफ? रालोद ने सपा की अब ये मांग
BJP का एक धड़ा प्रधानमंत्री मोदी के अबकी बार 400 पार के लक्ष्य को भेदने में मदद के लिए राष्ट्रीय लोक दल को अपने साथ लाने की तैयारी में लग गया है .
NDA को हराने के लिए देश में बनेINDIA गठबंधन में दरार पड़नी शुरू हो गई है. पहले ममता बनर्जी ने इससे खुद को अलग किया उसके बाद नीतीश कुमार NDA के साथ चले गए तो वहीं अब जयंत चौधरी के NDA में शामिल होने को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. सूत्रों की माने तो दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान से जयंत चौधरी की मुलाकात हुई है. इस मुलाकात के बाद अलग-अलग चर्चाएं भी शुरू हैं.
सूत्रों की माने तो पिछले दिनों जिन सात सीटों को राष्ट्रीय लोक दल को दिया गया था उसमें बागपत ,कैराना, बिजनौर , मुजफ्फरनगर, अमरोहा , हाथरस और मथुरा थी. इन 7 सीटों पर समाजवादी पार्टी मुजफ्फरनगर कैराना और बिजनौर में अपने प्रत्याशियों को राष्ट्रीय लोक दल के निशान पर उतारने की शर्त रख रही थी , जिसमें राष्ट्रीय लोक दल कैराना और बिजनौर पर तो मान रही थी लेकिन मुजफ्फरनगर पर बात फंस गई थी.
इसी बीच भारतीय जनता पार्टी से बढ़ रही नजदीकियों में इस बात की चर्चा है कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के बीच कैराना, अमरोहा ,बागपत मथुरा और मुजफ्फरनगर की सीट पर चर्चा चल रही है जिसमें कैराना, अमरोहा और बागपत के लिए भारतीय जनता पार्टी तैयार हो गई है वहीं मथुरा और मुजफ्फरनगर की सीट पर फिलहाल पेंच फंसा है, जिसपर बात बनते ही रालोद को NDA में आने की हरी झंडी मिल सकती है.
भारतीय जनता पार्टी का एक धड़ा प्रधानमंत्री मोदी के अबकी बार 400 पार के लक्ष्य को भेदने में मदद के लिए राष्ट्रीय लोक दल को अपने साथ लाने की तैयारी में लग गया है . राष्ट्रीय लोक दल के NDA में शामिल होने पर पश्चिम की तकरीबन 12 ऐसी सीटें हैं जहां भारतीय जनता पार्टी को काफी ज्यादा फायदा मिल सकता है. इसके साथ ही 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी द्वारा मुरादाबाद मंडल में हारी गई सीटों पर भी रालोद के साथ आने पर भाजपा को मदद मिल सकती है.