Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव की तैयारियों में सत्ताधारी बीजेपी जुटी है तो वहीं विपक्षी दल समाजवादी पार्टी लगातार 80 सीटों को जीतने की रणनीति तैयार कर रही है, लेकिन यूपी की सियासत में आवारा पशु और सांड भी इन चुनावों में एक बड़ा मुद्दा बन सकते हैं. जैसा कि विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिला था, इसीलिए सपा जहां बीते कुछ दिनों से लगातार इसे लेकर बीजेपी को घेरने में जुटी है तो वहीं बीजेपी भी जानती है कि इसकी वजह से उसके मिशन 80 के लक्ष्य में रुकावट आ सकती है, इसीलिए अब बीजेपी ने किसानों को आवारा पशुओं से छुटकारा दिलाने की तैयारी की है. 


बीते कुछ दिनों में सपा या अखिलेश यादव के ट्वीट को देखा जाए तो सांड के हमले में लोगों के घायल होने या फिर बड़े हादसे होने और आवारा पशुओं से किसानों की परेशानी को लेकर लगातार ट्वीट के जरिए सरकार को घेरा जा रहा है. हाल ही में जब बजट सत्र चल रहा था तब भी सपा विधायकों ने सदन में इसे लेकर सवाल पूछा था. ये मुद्दा सपा ने विधानसभा चुनाव में भी जोर शोर से उठाया और अब लोकसभा चुनाव में भी सपा इसे बड़ा मुद्दा बना सकती है, इसीलिए अब बीजेपी सरकार की तैयारी है कि कैसे किसानों को जो आवारा पशुओं से नुकसान हो रहा है उस पर रोक लगाई जाए, इतना ही नहीं इनके हमले में घायल होने वालों को मुआवजा देने की भी बात की जा रही है.


आवारा पशुओं के मुद्दे पर बीजेपी की तैयारी


दरअसल अब प्रदेश सरकार ने ये तय किया है कि नील गाय और सांड की टक्कर से यदि कोई घायल होगा तो उसे मुआवजा दिया जाएगा. इसमें 60 फीसदी से अधिक अपंगता होने पर ढाई लाख रुपये जबकि 40 से 60  फीसदी अपंगता होने पर 74000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. वहीं मामूली घायल होने पर 5400 और 1 सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती होने पर 16000 का मुआवजा सरकार देगी. इसके लिए डॉक्टर का प्रमाण पत्र देना होगा. इसे अब आपदा में शामिल करने का प्रस्ताव तैयार है. 


आवारा पशुओं से किसानों की फसलों को जो नुकसान हो रहा है उससे निपटने की भी सरकार ने तैयारी कर ली है. पशुधन विभाग ने जो योजना तैयार की है उसके तहत प्रदेश के सभी जिलों में लगभग 25 से 30 एकड़ लैंड विकसित किया जाएगा जहां पर एनजीओ और अलग-अलग संस्थाओं के जरिए 2000 आवारा पशुओं को वहां रखा जाएगा. सरकार पीपीपी मॉडल पर ये लैंड विकसित करेगी जिससे कि उस क्षेत्र के किसानों को आवारा पशुओं से राहत मिल सके. पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह साफ तौर पर कह रहे हैं कि सरकार ने इसके लिए योजना तैयार किया वहां पर लैंडबैंक है वहीं पर हम आवारा पशुओं को रखेंगे.  


लोकसभा चुनाव में विपक्ष बना सकता है मुद्दा


यूपी विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस समस्या का जिक्र किया था और कहा था कि जल्द सरकार इसका समाधान भी निकाल लेगी. अब जब योगी 2.0 के कार्यकाल का 1 वर्ष पूरे होने जा रहा है तो किसानों को इस बड़ी समस्या से राहत दिलाने की सरकार ने तैयारी कर ली है. जल्द ही कैबिनेट में ये प्रस्ताव लाया जाएगा, हालांकि सपा का कहना है कि बीते 6 सालों से किसान इसी तरह परेशान हो रहा है. सड़क हादसों में लोगों की जान जा रही है और जब चुनाव आ रहा है तब सरकार को यह याद आया है. 


2022 के विधानसभा चुनाव में भी आवारा पशुओं से किसानों की फसलों को हो रहे नुकसान को विपक्षी दलों ने एक बड़ा मुद्दा बनाया था और तब खुद प्रधानमंत्री के साथ-साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी यह कहा था कि सरकार बनने पर इस समस्या का समाधान निकाला जाएगा और अब जब लोकसभा के चुनाव करीब आ रहे हैं तो जिस तरह से सपा इसे लेकर सत्ताधारी बीजेपी पर हमलावर है ऐसे में सरकार की कोशिश यही है कि आवारा पशुओं से किसानों को राहत दिलाई जाए और इसीलिए जल्द अब इसे लेकर योजना को मंजूरी भी दे दी जाएगी.


ये भी पढ़ें- UP Politics: इस बीजेपी सांसद को स्वामी प्रसाद मौर्य ने बताया अपना फेवरेट, जानें क्या बोले सपा नेता?