UP Politics: चुनाव से पहले BSP, सपा और कांग्रेस के मिलने लगे सुर, यूपी में एकजुट हुआ विपक्ष
CAA Rules Notification: आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के एलान में अब कुछ ही दिन बचे हुए हैं इससे पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) नियमों की अधिसूचना जारी कर दी गई है.
Citizenship Amendment Act: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) नियमों की अधिसूचना केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी कर दिए जाने के बाद विपक्षी नेताओं ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. जबकि बीजेपी नेता इसे अपनी सरकार की उपलब्धि बता रहे हैं. हालांकि लंबे वक्त के बाद बीजेपी के खिलाफ यूपी में विपक्षी दलों के सुर मिलते हुए नजर आ रहे हैं.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, "जब देश के नागरिक रोजी-रोटी के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं, तो दूसरों के लिए ‘नागरिकता कानून’ लाने से क्या होगा? जनता अब भटकावे की राजनीति का भाजपाई खेल समझ चुकी है. भाजपा सरकार ये बताए कि उसके 10 सालों के राज में लाखों नागरिक देश की नागरिकता छोड़कर क्यों चले गए."
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क्या बोलीं मायावती
उन्होंने कहा, "चाहे कुछ हो जाए, कल ‘इलेक्टोरल बांड’ का हिसाब तो देना ही पड़ेगा और फिर ‘पीएम केयर फंड’ का भी." बसपा मुखिया मायावती ने कहा, केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून को अब ठीक चुनाव से पहले लागू करने के बजाय, इसको लेकर लोगों में जो संदेह, असमंजस व आशंकाएं हैं, उन्हें पूरी तरह से दूर करने के बाद ही इसे लागू किया जाना बेहतर होता.
वहीं, कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को चार साल और तीन महीने लग गए. इसलिए कि चुनाव के समय लाकर चुनाव का ध्रुवीकरण किया जा सके और इलेक्टोरल बांड घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार और सख्ती के बाद हेडलाइन को मैनेज किया जा सके. लेकिन देश के युवा, किसान, गरीब, आम आदमी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक सभी समझ रहे हैं.
उन्होंने कहा, "2024 में भाजपा को हमलोग सत्ता से बाहर करेंगे, उसके बाद बाकी सारी चीजें और कानून अपने आप ठीक हो जाएंगे." ज्ञात हो कि देश में 'नागरिकता संशोधन अधिनियम' (सीएए) के नियम लागू हो गए हैं. केंद्र सरकार ने सोमवार शाम को नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. इसके लिए पोर्टल भी तैयार कर लिया गया है, जिसके जरिए गैर-मुस्लिम प्रवासी समुदाय के लोग नागरिकता पाने के लिए आवेदन कर सकेंगे. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है.